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जो गरीब बच्चे स्कूल फीस नहीं भर सकते उन्हें व्हाट्सएप पर पढ़ाने के आदेश जारी

भोपाल। राज्य शिक्षा केंद्र, मध्य प्रदेश शासन के संचालक धनराजू एस ने मध्य प्रदेश के सभी कलेक्टरों को निर्देशित किया है कि RTE- शिक्षा का अधिकार अधिनियम की धारा 12(1) सी के तहत प्राइवेट स्कूलों में जिन गरीब बच्चों का निशुल्क शिक्षण के लिए एडमिशन कराया जा रहा है उन बच्चों को व्हाट्सएप के माध्यम से डिजिटल शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराई जाए। इस आदेश के साथ प्रश्न उपस्थित होता है कि जो गरीब लोग अपने बच्चों की स्कूल फीस नहीं भर पा रहे हैं, उन बच्चों को ऑनलाइन स्टडी के लिए एंड्राइड मोबाइल फोन क्या कलेक्टर उपलब्ध कराएंगे। 

राज्य शिक्षा केंद्र की ओर से दिनांक 24 जून 2021 को जारी हुए आदेश क्रमांक 3326 के अनुसार संबंधित प्राइवेट स्कूलों के टीचर्स को यह निर्देशित किया जाना है कि अपने स्तर से बच्चों को पाठ्यक्रम से संबंधित गतिविधियां करने, प्रश्नों का समाधान खोजने एवं उनके उत्तर लिखने का अभ्यास करने और होमवर्क की जांच व्हाट्सएप के माध्यम से करने का प्रयास करें। 
रेडियो एवं टीवी के माध्यम से शैक्षणिक कार्यक्रम प्रसारित किए जाते हैं इनका उपयोग प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत एडमिशन लेने वाले बच्चों को अनिवार्य किया जाए। इसके अलावा स्वयंप्रभा फ्री चैनल फॉर एजुकेशन के माध्यम से शैक्षिक कार्यक्रमों को देखने की सुविधा उक्त बच्चों के लिए प्राप्त की जा सकती है। 

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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