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भारत समेत 85 देशों में डेल्टा वेरिएंट का कहर

नई दिल्ली । कोरोना वायरस के अब डेल्टा वेरिएंट ने पूरी दुनिया को डरा दिया है। अब तक 85 देशों में मिले कोरोना के डेल्टा वेरिएंट का असर भारत से लेकर साउथ अफ्रीका तक देखने को मिल रहा है। भारत समेत कई देशों में यह आशंका जताई जा रही है कि कोरोना की तीसरी लहर का मुख्य कारण डेल्टा वेरिएंट ही होगा। भारत में बढ़ते डेल्टा वेरिएंट के मामलों के बीच साउथ अफ्रीका में इस वेरिएंट ने कहर मचाना शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि साउथ अफ्रीका में इस डेल्टा वेरिएंट की वजह से तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है। महामारी विशेषज्ञों की मानें तो साउथ अफ्रीका में कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए डेल्टा वेरिएंट्स ही जिम्मेदार हैं। विट्स यूनिवर्सिटी में टीके और संक्रामक रोग विश्लेषणात्मक अनुसंधान इकाई के निदेशक शब्बीर माधी ने बताया कि आधिकारिक डेटा अगले सप्ताह राष्ट्रीय संचारी रोग संस्थान (एनआईसीडी) द्वारा जारी किया जाएगा, मगर ऐसा देखा जा रहा है कि डेल्टा वेरिएंट के ट्रांसमिशन में वृद्धि हुई है, जो कि बीटा संस्करण की तुलना में 60 प्रतिशत अधिक संक्रामक है। बत दें कि बीटा वेरिएंट की पहचान सबसे पहले साउथ अफ्रीका में ही हुई थी। साउथ अफ्रीका की हालत कितनी खराब होती जा रही है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वहां अब अस्पतालों में बेड कम पड़ने लगे हैं, अंतिम संस्कार करने के लिए भी संगठनों की कमी हो गई है। इसका असर भारतीय समुदाय पर ज्यादा पड़ रहा है। शब्बीर माधी ने कहा कि जो लोग पहली और दूसरी लहर में कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं, वह भी दोबारा से संक्रमित होने के लिए अतिसंवेदनशील हैं। यानी उन्हें फिर से डेल्टा का नया वेरिएंट अपना शिकार बना सकता है।  कोरोना वायरस की तीसरी लहर का सबसे अधिक असर आर्थिक केंद्र गौतेंग प्रांत पर पड़ा है। एनआईसीडी ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर कोरोना वायरस के नए वेरिएंट के 18,762 केस सामने आए हैं और रातोंरात 215 मौतें हुई हैं। इनमें से 63 प्रतिशत मामले गौतेंग प्रांत में हैं। माधी ने कहा कि मौजूदा तीसरी लहर, जो पिछली लहरों की तुलना में अधिक संक्रमण और मौतों का कारण बन रही है, ने उसे और कई अन्य लोगों को हैरान कर दिया। इधर, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) प्रमुख टेद्रोस अदहानम गेब्रेयेसस ने आगाह किया कि कम से कम 85 देशों में पाया गया कोविड-19 का डेल्टा स्वरूप अभी तक सामने आए सभी स्वरूपों में सबसे अधिक संक्रामक है और यह उन लोगों में तेजी से फैल रहा है जिन्होंने टीका नहीं लगवाया है। डब्ल्यूएचओ महानिदेशक ने कहा कि मैं जानता हूं कि अभी विश्वभर में डेल्टा स्वरूप को लेकर काफी चिंता है और डब्ल्यूएचओ भी इसे लेकर चिंतित है। कोरोना वायरस का डेल्टा स्वरूप सबसे पहले भारत में पाया गया।

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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