एक्सक्लूसिव

सड़कों पर बेसहारा गोवंश, जिले में २९ गौ शालाएं बनकर तैयार फिर भी दर-दर भटक रहीं गाय

भाजपा सरकार में बनाई गई थीं गौशालाएं

छतरपुर। छतरपुर जिले में वर्ष 2019-20 में ग्राम पंचायतों में लगभग 29 गौशालाएं 28 लाख की लागत से बनाकर तैयार की गई थीं। परंतु इन गौशालाओं में कोई गाय नहीं है। केवल शोपीस बनकर गौशालाएं तैयार हो गई हैं। बकस्वाहा में 4 गौशालाएं, बड़ामलहरा में तीन गौशालाएं, बिजावर में 5 गौशालाएं, राजनगर में 4गौशालाएं, छतरपुर में 3गौशालाएं, नौगांव में 6गौशालाएं, गौरिहार में एक गौशालाएं व लौड़ी में 3 गौशालाएं वर्ष 19-20 में तैयार हो चुकी थीं। इस वर्ष में 135 गौशालाएं बनकर तैयार हो रही हैं जिनमें मनरेगा के अंतर्गत काम चल रहा है। कुल मिलाकर छतरपुर जिले में गौशालाएं तो बनाई गई परंतु इनमें गौमाता और गौवंश को रखने की व्यवस्था न होने के कारण गौशालाएं शोपीस बनकर रह गई हैं। मिली जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायतों के सरपंच और सचिवों का कहना है कि गौशाला संचालन करने के लिए सरकार से कोई बजट उपलब्ध नहीं है। ऐसी स्थिति में गौशालाओं को संचालन करना असंभव है। हालांकि इस संबंध में जिले के पशु विभाग के उपसंचालक विमल तिवारी का कहना है कि जो गौशालाएं हमारे कार्यालय में पंजीयन है उन गौशालाओं में शासन की मंशा के अनुसार जो बजट उपलब्ध होता है वह समय समय पर दिया जाता है। वहीं दूसरी ओर जिले के कलेक्टर ने एक आदेश जिला शहरी अभिकरण के माध्यम से नगर पालिका अधिकारियों को यह निर्देश दिए थे कि सड़कों पर बैठीं गौ माताओं को गौशालाओं में भेजेंउसके बावजूद भी किसी भी नगर पालिका के सीएमओ ने कलेक्टर के आदेश का पालन नहीं किया और आज भी सड़कों पर गौमाताएं और उनके बछड़े बैठे रहते हैं औरएक्सीडेंट में घायल हो रहे हैं। 

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!