दिग्विजय सिंह के गार्ड ने ABVP कार्यकर्ताओं को पीटा
भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भले ही पूरे भारत में नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए बात करते हुए नजर आते हो परंतु यदि बात राधौगढ़ की होती है तो फिर दिग्विजय सिंह बदल जाते हैं। यहां वह राजा दिग्विजय सिंह होते हैं। उनके सिक्योरिटी गार्ड एवं एक समर्थक ने एबीवीपी के कार्यकर्ताओं को सिर्फ इसलिए पीटा क्योंकि वह दिग्विजय सिंह को काले झंडे दिखाने की कोशिश कर रहे थे।
पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह का काफिला शनिवार की दोपहर जब राघौगढ़ में प्रवेश कर रहा था, तभी बसस्टैंड चौराहा के समीप अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 20 कार्यकर्ताओं ने वापस जाओ के नारे लगाकर काले झंडे दिखाए। दिग्विजय सिंह का वाहन कुछ पल विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं के पास रुका, जिसमें उनके भाई लक्ष्मण सिंह और पूर्व मंत्री बेटे जयवर्द्धन सिंह बेटे हुए थे, तभी पीछे के वाहन में से एक युवक उतरकर आया, जिसने नारेबाजी कर रहे एक कार्यकर्ता को लात मार दी। साथ ही वापस वाहन में बैठ गया। इससे पहले यूनिफॉर्म में एक सिक्योरिटी गार्ड ने प्रदर्शनकारी छात्र नेता को धक्का दे दिया था।
असहमति प्रकट करना लोकतांत्रिक अधिकार है
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को कहते हैं कि किसी भी व्यक्ति के विचारों से असहमति प्रकट करना भारत में आम नागरिक का लोकतांत्रिक अधिकार है। प्रदर्शनकारी छात्र नेता सड़क के किनारे खड़े होकर काले झंडे दिखा रहे थे। उन्होंने रास्ता रोकने की कोशिश नहीं की थी। वह किसी भी प्रकार का अपराध नहीं कर रहे थे लेकिन फिर भी उन्हें असहमति प्रकट करने से रोका गया और वह भी निजी स्तर पर।