आनंदेश्वर एग्रो रेत कंपनी ठेकेदार ने शासन को 27 करोड़ का लगाया चूना!
अब नए रेत ठेकेदार की हो रही है तलाश
छतरपुर। छतरपुर जिले में रेत का कारोबार काफी अधिक मात्रा में होने के कारण मप्र की सीमा से लगे हुए उप्र के बड़े रेत ठेकेदार यहां पर बोली लगाकर रेत का कारोबार कर रहे हैं। छतरपुर जिले में वर्ष 2020 में कानपुर के एक ठेकेदार ने 75 करोड़ 99 लाख रुपए में ठेका लिया था जब ठेकेदार का अनुबंध हुआ था तो ठेकेदार ने ठेके की 25 प्रतिशत राशि 37 करोड़ 99 लाख 50 हजार रुपए जमा की थी। इसमें अमानत राशि के रूप में 18 करोड़ 99 लाख 50 हजार रुपए थी। ठेकेदार को ठेका दो वर्ष के लिए दिया गया था। प्रतिवर्ष ठेके की जो राशि है उसमें 10 प्रतिशत राशि बढ़ाकर यह ठेका देने का अनुबंध खनिज निगम के द्वारा किया गया था। ठेकेदार को हर माह मासिक किस्त के रूप में राशि जमा करनी थी। ठेकेदार के द्वारा नवंबर, दिसंबर, जनवरी एवं फरवरी में यह राशि जमा की गई। परंतु मार्च के माह में ठेकेदार के द्वारा मासिक किस्त आठ करोड़ 45 लाख60 हजार रुपए जमा करनी थी जो ठेकेदार ने जमा नहीं की। ठेकेदार को कई अवसर दिए गए उसके बावजूद भी ठेकेदार ने राशि जमा न कर अपने हाथ खड़े कर दिए। मजबूरी में मप्र के खनिज निगम के द्वारा ठेका को निरस्त किया गया। छतरपुर जिले में चूंकि एक ठेका था और ठेका निरस्त होने के बाद अब अवैध रेत का कारोबार पुलिस के संरक्षण में धड़ल्ले से चल रहा है। हालांकि इस संबंध में खनिज विभाग के इंस्पेक्टर अजय मिश्रा का कहना है कि रेत की आवश्यकता शासकीय कार्यों के अलावा निजी लोगों को भी पड़ती है ऐसे में रेत का कारोबार जारी रहे इसके लिए नए रेत ठेकेदार की तलाश की जा रही है और अतिशीघ्र नए ठेकेदार को ठेका दिया जाएगा। खनिज इंस्पेक्टर अजय मिश्रा यह भी बताया कि अभी तक छतरपुर जिले से 217 करोड़ रुपए राज्य शासन में जमा करा दिए गए हैं। 145 करोड़ रुपए खनिज विभाग की अन्य मदों से जमा किए गए हैं इसके अलावा 72 करोड़ 4 लाख 97 हजार 776 रुपए रेत के ठेकेदार से जमा कराए हैं। रेत के ठेकेदार ने शासन को 27 करोड़ रुपए का क्षति पहुंचाई है जो कि आने वाले समय में नए ठेकेदार से पूर्ति की जाएगी। फिलहाल छतरपुर जिले में जो रेत के ठेकेदार थे उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से मिलकर शासन को लगभग 27 करोड़ रुपए का चूना लगा दिया है जिसकी भरपाई होना संभव नहीं है। कोरोना काल का बहाना बनाकर ठेकेदार ने ऐसा खेल खेला इस खेल में जिले से लेकर प्रदेश स्तर के कई बड़े अधिकारी शामिल हैं।