बंदर प्रोजेक्ट पर केंद्रीय वन महानिर्देशक, राज्य वन मंत्री व विधायक की विश्वसनीयता पर उठे सवाल
बक्स्वाहा जंगल बचाओ आंदोलन समिति ने दी जन आंदोलन की चेतावनी
वन महानिदेशक को ज्ञापन देने बक्स्वाहा, बड़ामलहरा जिला मुख्यालय पर भटकते रहे पर्यावरण प्रेमी
छतरपुर// बक्स्वाहा जंगल बचाओ आंदोलन के प्रवक्ता व समाजसेवी अमित भटनागर व शरद सिंह कुमरे ने केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के महानिर्देशक सुब्रत महापात्रा व मध्यप्रदेश राज्य सरकार के वन मंत्री ब्रजेन्द्र सिंह के गुपचुप तरीके से हुए दौरे पर संदेह व्यक्त करते हुए उनकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा किये है। बक्स्वाहा जंगल बचाओ आंदोलन के प्रवक्ता व समाजसेवी अमित भटनागर ने बताया कि उन्हें महानिदेशक सुब्रत महापात्रा के बकस्वाहा अंचल के हीरा खनन के बंदर प्रोजेक्ट का निरीक्षण की जानकारी अचानक लगी तो महानिर्देशक महोदय को उक्त विषय से संबंधित ज्ञापन सौंपने हेतू जिला प्रशासन से लगातार संपर्क किया, पर कोई जानकारी नहीं लगी न ही उन्होंने प्रभावित ग्राम वासियों से किसी तरह का संपर्क किया यहां तक की उनके दौरे की जानकारी स्थानीय पत्रकार बंधुओं को भी नहीं थी।
अमित भटनागर ने कहा कि यह भी जानकारी लगी कि प्रदेश सरकार के वन मंत्री विजेंद्र सिंह व स्तानीय विधायक प्रदुम्म सिंह भी उक्त क्षेत्र के दौरे पर है। बक्स्वाहा जंगल बचाओ आंदोलन के संस्थापक सदस्य शरद सिंह कुमरे ने केन्द्रीय वन महानिर्देशक, वन मंत्री व विधायक के इस तरह के गुपचुप दौरे पर संदेह व्यक्त करते हुए कहा कि इससे जनता में शासन-प्रशासन की विश्वसनीयता पर कई गंभीर सवाल खड़े हो गए है, शरद कुमरे ने बताया कि वे वन महानिर्देशक व मंत्री महोदय को 11 सूत्री ज्ञापन सौंपना चाहते थे। ज्ञापन में बिना वन को नुकसान पहुँचाये, आधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल करते हुए खनन करने, हीरा खनन से प्राप्त राजस्व का 50 प्रतिशत छतरपुर जिले को जिसमे से आधा धन खनन प्रभावित गांव के विकास की योजनाओं में खर्च किया जाए व संबंधित क्षेत्रों में मिले प्रगैतिहासिक शैल चित्रों को संरक्षित कर विश्व धरोहर के रूप में घोषित करने की मांग आदि प्रमुख रूप से शामिल की गई थी। श्री आफताब आलम हासमी व नीशू मालवीय ने कहा कि जिम्मेदार व जवाब देह अधिकारियों व नेताओं के इस तरह के व्यवहार की बक्सवाहा जंगल बचाओ आंदोलन निंदा करता है, तथा उन्होंने आशा व्यक्त कि शासन-प्रशासन से आगे से इस तरह की घटनाओं की पुनरावृति नहीं होगी। इस तरह की घटनाओं की पुनरावृति होने पर बक्सवाहा जंगल बचाओ आंदोलन ने तीव्र आंदोलन की चेतावनी सरकार को दी है।