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क्या फुटपाथों पर व्यापार करना भारतीय नागरिक का मूल अधिकार है जानिए … Indian Constitution

अक्सर देखा जाता है कि शहरों में बहुत से लोग फुटपाथों पर अपनी जीविका चलाने के लिए छोटा मोटा व्यापार करते हैं, और अपना जीवन यापन करते हैं। कभी-कभी नगर पालिका या निगम के आदेश से उन्हें हटा दिया जाता है और वह कुछ नहीं कर सकते हैं। क्या उनको फुटपाथों पर व्यापार करने का भारतीय संविधान में मौलिक अधिकार प्राप्त है जानिए।जी हाँ। फेरीबालो या आम व्यक्ति को फुटपाथों पर व्यापार करने का मूल अधिकार प्राप्त है भारतीय संविधान,1950 के अनुच्छेद 19(1) (छ) के अधीन उनको फुटपाथ पर व्यवसाय करने से कोई भी नहीं रोक सकता है। लेकिन कुछ शर्तों के अनुसार:-1.यही सड़क यातायात के अनुसार चौड़ी नहीं हो तब फुटपाथ पर व्यापार नहीं कर सकते हैं।2.किसी व्यक्ति का कोई अनैतिक व्यापार अनुच्छेद 19(6)के अनुसार करता है, जैसे:- खतरनाक वस्तु का व्यापार, विषयुक्त दवाइयां,शस्त्र,मिलावट वाले खाद्य पदार्थ, या आम जनता के स्वस्थ को हानि पहुचाने वाली सामग्री आदि का व्यापार फुटपाथों पर करता है तो उस पर राज्य रोक लगा सकता है।
*(लेकिन फेरीबलो को अस्पताल के नजदीक या जहाँ सुरक्षा की दृष्टि से आवश्यक है व्यापार करनें से मना नहीं किया जा सकता है।)*
*महत्वपूर्ण वाद:- सोदन सिंह बनाम न्यू दिल्ली म्युनिसिपल कमेटी-*उच्चतम न्यायालय के 5 न्यायाधीशों की पूर्णपीठ ने यह अभिनिर्धारित किया है कि सड़क के फुटपाथों पर व्यापार करना अनुच्छेद 19(1) (छ) के अधीन एक मूल अधिकार है उस पर केवल अनुच्छेद 19(6) के अधीन रोक लगाए जा सकते हैं। न्यायालय ने ये भी कहा है कि अगर सड़के चौड़ी हो तो वहाँ पर नागरिक फुटपाथों पर व्यापार कर सकते हैं।

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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