बच्चों पर कोवोवैक्स के ट्रायल की तैयारी कर रही सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को झटका लगा
नई दिल्ली. बच्चों पर कोवोवैक्स वैक्सीन (Covovax Vaccine) के ट्रायल की तैयारी कर रही सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) को झटका लगा है. केंद्र के एक एक्सपर्ट पैनल ने सीरम को बच्चों पर दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल करने की अनुमति देने के खिलाफ सिफारिश की है. इस बात की जानकारी सूत्रों ने दी है. वैक्सीन निर्माता जुलाई में 2-17 साल के बच्चों पर ट्रायल शुरू करने की तैयारी में थे. कंपनी के सीईओ अदार पूनावाला (Adar Poonawalla) ने पहले उम्मीद जताई थी कि वैक्सीन सितंबर तक लॉन्च हो सकती है.
समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि केंद्र की समिति सीरम को बच्चों पर ट्रायल की अनुमति देने के पक्ष में नहीं है. पैनल ने इसके खिलाफ सिफारिश भी की है. इससे पहले केंद्र ने कहा था कि नोवावैक्स की कोविड वैक्सीन कोवोवैक्स ने बड़े ट्रायल में अच्छे नतीजे दिए हैं.
सूत्रों ने कहा, ‘सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) की कोविड-19 पर तैयार सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) ने आवेदन पर विचार-विमर्श किया और पाया कि इस वैक्सीन को किसी भी देश ने मंजूरी नहीं दी है.’ उन्होंने जानकारी दी, ‘बच्चों पर क्लीनिकल ट्रायल करने पर विचार करने के लिए पुणे स्थित कंपनी को वयस्कों पर जारी क्लीनिकल ट्रायल का सेफ्टी और इम्युनोजेनिसिटी डेटा जमा करना चाहिए.’
सीरम इंस्टीट्यूट ने बीते सोमवार को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के पास ट्रायल के संबंध में आवेदन किया था. इस आवेदन में 10 जगहों पर 920 बच्चों पर ट्रायल की अनुमति मांगी गई थी. इनमें 12-17 और 2-11 आयुवर्ग में 460 बच्चे हर कैटेगरी में शामिल होते.
इसके अलावा सरकार की तरफ से यह भी कहा गया था कि भारत में वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल्स एडवांस स्टेज में हैं. देश में कोविड की स्थिति पर साप्ताहिक ब्रीफिंग के दौरान नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पॉल ने कहा था, ‘सार्वजनिक रूप से जारी डेटा से जो हम समझ पा रहे हैं, वह यह है कि यह वैक्सीन काफी सुरक्षित और बेहद प्रभावी है.’ नोवावैक्स की वैक्सीन फेज-3 क्लीनिकल ट्रायल में 90.4 फीसदी प्रभावी रही.