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महामारी में सेवाएं देने वालीं 34 नर्सों को प्रशासन ने हटाया, नर्सों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर की यथावत रखे जाने की मांग

छतरपुर। कोरोना महामारी के दौरान जिला अस्पताल में सेवाएं देने वाली संविदा नर्सों ने गुरुवार को कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह को एक ज्ञापन देकर अपने साथ किए जा रहे अन्याय का विरोध जताया है। ज्ञापन सौंपने पहुंची संविदा नर्सों की ओर से नर्स सावित्री कुशवाहा ने बताया कि कोरोना काल में सेवाएं देने वाली नर्सों में से 89 नर्सों को प्रशासन ने यथावत रखा है जबकि 34 नर्सों को हटा दिया गया है जो कि हटाई गईं नर्सों के साथ अन्याय है।
नर्सों ने बताया कि हमने कोविड काल में अपनी जान जोखिम में डालकर 8 से 10 घंटे तक बिना किसी आनाकानी के सेवाएं दी हैं और आगे भी तैयार हैं। साथ ही नर्सों ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ने कोविड महामारी के दौरान 100 दिन तक सेवाएं देने वाले स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को शासकीय वैकेंसी में 10 अंक की वरीयता देने की बात कही थी इसलिए हमारे भविष्य को ध्यान में रखते हुए कम से 90 दिन तक काम करने का मौका मिलना चाहिए ताकि हमें अनुभव प्रमाण पत्र मिल सके। ज्ञापन में नर्सों ने मांग की है कि या तो प्रशासन सभी नर्सों को यथावत रखे या फिर सभी को पद से पृथक कर दे। इस मौके पर नसरीम बानो, जयप्रकाश अहिरवार, विजय प्रताप सिंह राजपूत, सर्वेश रावत, अर्चना गंगेले, सावित्र प्रजापति, नीतू यादव, गोविन्ददास पटेल, भावना मिश्रा, माधवी अरजरिया, राजकुमारी प्रजापति, समीक्षा यादव, राधा पटेल, इच्छा मिश्रा, शबाना बानो, आराधना तिवारी, सुनीता अहिरवार, रूबी चौरिसया, सलमान खान, आशा पाल, कृति सचान, किरण मिश्रा आदि मौजूद रहीं।

नर्सों के हड़ताल पर जाने से अस्पताल में बिगड़ रहे हालात
जिले की 100 नर्सों ने दूसरे दिन भी दिया धरना


छतरपुर। सेकेण्ड ग्रेड का वेतनमान हासिल करने सहित अपनी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर छतरपुर जिले की 100 से ज्यादा स्टाफ नर्सें 30 जून से हाथों में तख्तियां लेकर हड़ताल पर बैठी हुई हैं। लगातार दूसरे दिन नर्सों की इस हड़ताल के कारण जिला अस्पताल सहित अन्य सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में स्वास्थ्य इंतजाम बिगड़ रहे हैं। हालांकि इन स्टाफ नर्सों के हड़ताल पर जाने के बावजूद संविदा पर मौजूद नर्सों ने कमान संभाल रखी है। उधर गुरुवार को नर्सों की इस हड़ताल को मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ का समर्थन भी मिला।
हड़ताल पर बैठी स्टाफ नर्सों ने कहा कि हमने 28 जून को ही ज्ञापन के माध्यम से सरकार को सामूहिक हड़ताल की चेतावनी दी थी। सरकार ने हमारी बात पर कोई ध्यान नहीं दिया इसलिए प्रदेश भर में स्टाफ नर्स हड़ताल कर रही हैं। नर्सों ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली, सेकेण्ड ग्रेड का वेतनमान, कोरोना काल में शहीद हुई स्टाफ नर्सों को सम्मान और परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति, मेल स्टाफ नर्स की भर्ती जैसी 12 सूत्रीय मांगों के पूरा होने तक यह हड़ताल जारी रहेगी। हड़ताल पर बैठी नर्सों का समर्थन करने पहुंचे तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ की जिला इकाई के अध्यक्ष नीतेन्द्र खरे ने कहा कि उक्त स्वास्थ्यकर्मियों की मांगें पूरी तरह जायज हैं। हम भी कलेक्टर के माध्यम से सरकार को पत्र भेजकर इनकी मांगों को पूरा करने की आवाज उठाएंगे।

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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