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मनरेगा की बैठक में सहायक यंत्रियों पर कलेक्टर ने कसा शिकंजा

मुख्यालय पर न रहने वाले सहायक यंत्रियों की वेतन पर लगाई रोक

छतरपुर। छतरपुर कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने प्रत्येक सप्ताह में होने वाली बैठक में आज जनपद के अंतर्गत पदस्थ सहायक यंत्रियों पर मुख्यालय पर न रहने पर उनकी वेतन रोकने के निर्देश दिए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रत्येक सप्ताह में मनरेगा की यह बैठक हर शुक्रवार को कलेक्टर के द्वारा ली जाती है और पिछली कई बैठकों में कलेक्टर के द्वारा यह निर्देश दिए गए हैं कि जनपद में पदस्थ सहायक यंत्री मुख्यालय पर रहें। उसके बावजूद भी सभी जनपदों में पदस्थ सहायक यंत्री मुख्यालय पर न रहकर छतरपुर से प्रतिदिन अपडाउन करते हैं और शासन को इससे लाखों रुपए का चूना लग रहा है शासकीय वाहन का दुरुपयोग हो रहा है जबकि डीजल प्रतिलीटर लगभग 100 रुपए पहुंचचुका है। सभी सहायक यंत्री मुख्यालय पर न रहने के कारण शासन योजनाओं में भी प्रगति नहीं हो पा रही है। सभी यहायक यंत्री छतरपुर जिले में रहते हैं और प्रतिदिन अपडाउन करते हैं। जबकि जिले में मनरेगा के तहत हजारों काम चल रहे हैं लेकिन उन कामों की मॉनीटरिंग करने का काम सहायक यंत्रियों का है लेकिन वे घर बैठकर उपयंत्रियों के द्वारा जो मूल्याकंन कार्य दिखाया जाता है उसी को वेरीफाइ कर भारी कमीशन ले रहे हैं। आज कलेक्टर ने कई जनपदो के सहायक यंत्रियों की अच्छी खासी क्लास ली। एक सहायक यंत्री ने तो कलेक्टर से माफी तक मांगी तब कहीं जाकर कलेक्टर ने उस सहायक यंत्री को क्षमादान किया।  फिलहाल छतरपुर कलेक्टर के द्वारा मुख्यालय पर न रहने वाले सहायक यंत्रियों एवं उपयंत्रियों के खिलाफ जिला पंचायत सीईओ को निर्देश दिए हैं कि वह ऐसे अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही करें।कलेक्टर के द्वारा इस बैठक में जो कड़े तेवर रहते थे वह इस बार कुछ नरम दिखाई दिए। 

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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