सार्वजनिक सड़क या जल मार्ग पर बाधा उत्पन्न करना IPC की किस धारा के अंतर्गत अपराध है जानिए…
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यह एक सामान्य सी बात हो गई है कि कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक सड़क पर गिट्टी या अन्य प्रकार का मटेरियल डाल देते हैं, या कोई दबंगों द्वारा किसी शासकीय रास्ते पर कब्जा कर लिया जाता है, ऐसी स्थिति में कुछ लोगों को पता नहीं रहता है कि इसकी शिकायत हम कहाँ करे और तहसील से कलेक्टर तक घूम आते हैं । आज के लेख मे हम आपको जानकारी देंगे कि अगर कोई सार्वजनिक सड़क पर बेबजहा कब्ज़ा करता है तब आप क्या कर सकते हैं जानिए।
◆भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 283 की परिभाषा◆
अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर कर या उतावलेपन के कारण निम्न कार्य करता है तब वह इस धारा के अंतर्गत दोषी होगा-1. कोई भी सार्वजनिक सड़क(लोक-मार्ग) या जलमार्ग में रुकावट(अवरोध) खडा करेगा जिससे वाहन को निकलने में परेशानी उत्पन्न हो।2. किसी भी सार्वजनिक रास्ते में जमा लगाएगा जिससे व्यक्ति को परेशानी उत्पन्न हो रही हो ।3. किसी भी प्रकार के वाहन या जलयानों के द्वारा सार्वजनिक सड़क या नदियां या जल में जमा लगाए जिससे जनसाधारण को परेशानी उत्पन्न हो।4. किसी भी सार्वजनिक रास्ते को रोक कर आपने कब्जे में करना जिससे आने जाने वाले व्यक्ति को परेशानी उत्पन्न हो।
नोट- यह धारा प्राइवेट रास्ते और आपसी सहमति से खेत में बनाये गए रास्ते पर लागू नहीं होती है।
◆भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 283 के अंतर्गत दण्ड का प्रावधान◆
यह अपराध संज्ञेय एवं जमानतीय अपराध होते हैं, इनकी सुनवाई किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती हैं। सजा- इस अपराध के लिए दो सौ रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है।परन्तु इस धारा में किए गए अपराध की सजा को एवं जुर्माने को बढ़ाने को लेकर कुछ विधिविशेषज्ञ ने अपील की है।
उधारानुसार- सार्वजनिक रास्ते के किनारे निवास कर रहे किसी व्यक्ति ने अपने मकान की खिड़कियों में पुतले टांग रखे थे, जिनके कारण उन्हें देखने के लिए लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गई।ओर फुटपाथ पर चलने वाले या सार्वजनिक सड़क पर चलने वाले व्यक्ति को बाधा पहुंचे तो मकान में रहने वाला व्यक्ति धारा 283 के अंतर्गत दोषी ठहराया जाएगा।
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