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हड़ताली नर्सों ने 12 सूत्रीय मांगों को लेकर खून से लिखा सीएम को पत्र

छतरपुर। नर्सेस एसोसिएशन मप्र के प्रांतीय आह्वान पर जिले में भी नर्सों ने हड़ताल शुरू की है। पिछले 6 दिनों से 12 सूत्रीय मांगों के लिए नर्सों द्वारा हड़ताल की जा रही है। शरीर में सबसे महत्वपूर्ण तरल पदार्थ खून होता है। खून की कमी से तमाम परेशानियों से शरीर ग्रसित हो  जाता है। जब हड़ताली नर्सों की कोई  सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने अपने बहुमूल्य तत्व रक्त से खत लिखकर मुख्यमंत्री तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश की है। जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को खून से लिखे पत्र भेजे गए हैं। नर्सेस एसोसिएशन की जिला प्रवक्ता वर्षा चतुर्वेदी ने बताया कि पिछले 6 दिनों से वे लगातार अपनी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर जिला अस्पताल प्रांगण में आंदोलन कर रही हैं लेकिन अब तक उनकी पूछ परख करने कोई अधिकारी नहीं आया। सोमवार को उपस्थित नर्सों ने अपना खून निकलवाया और उस खून से मुख्यमंत्री को अपनी मांगों के संबंध में पत्र भेजा। हड़ताली नर्सों का कहना है कि वे सेकेण्ड ग्रेड की मांग कर रहे हैं। हर राज्य में नर्सों को सेकेण्ड ग्रेड दिया जा रहा है तो मप्र में क्यों नहीं दिया जा रहा। वर्षा चतुर्वेदी के मुताबिक पुरानी पेंशन बहाली, पुरूष कार्यकर्ताओं की तैनाती, कोरोनाकाल में शहीद हुए स्टाफ नर्सेस के परिजनों को अनुकम्पा नियुक्ति सहित 12 मांगें शामिल हैं। जब तक उनकी मांग मानी नहीं जाती तब तक वे आंदोलन करती रहेंगी। सड़क से सदन तक लड़ाई लड़ेंगे: आलोक चतुर्वेदीनर्सेस एसोसिएशन ने क्षेत्रीय विधायक आलोक चतुर्वेदी पज्जन को भी मांग पत्र देकर इसे जल्द पूरा कराने की मांग रखी है। विधायक आलोक चतुर्वेदी ने हड़ताल पर डटी नर्सों को भरोसा दिलाया कि वे सड़क से सदन तक उनके हक की लड़ाई लड़ेंगे। विधानसभा शुरू होते ही वे इसको सदन में उठाएंगे। उन्होंने कहा कि वे हड़ताल कर रहीं सभी बहिनों के साथ हैं और उनको लाभ दिलाने में वे पीछे नहीं रहेंगे। 

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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