खतरनाक मशीन चलाते समय श्रमिक क्षतिग्रस्त हो जाए तब वह किस कानून के अंतर्गत क्षतिपूर्ति की मांग कर सकता है जानिए/The Dangerous Machines (Regulations) Act,1983..।
पुराने समय में श्रमिक(मजदूर) कोई भी काम जैसे कुआ खोदना, सड़क बनाना, या खेतों में काम करना सभी अपने हाथों से करते थे। आज कल बडी-बडी कंपनी हो,उद्योग हो, व्यापार हो, या सड़क हो या कृषि क्षेत्र हो श्रमिकों को खतरनाक मशीनों से ही काम करना पड़ता है। अगर किसी खतरनाक मशीन जैसे थ्रेसर, हार्वेस्टर, जे.सी.बी मशीन, रोडरोलर,किरण मशीन आदि मशीनों के कारण कोई मजदूर दुर्घटनाग्रस्त हो जाये तब वह क्षतिपूर्ति के लिए किस कानून के अंतर्गत नियोजक से मांग कर सकता है।
*खतरनाक मशीन(विनियमन) अधिनियम,1983 की परिभाषा:-*अगर कोई श्रमिक किसी उद्योग, व्यापार, उत्पादन, वाणिज्य या कृषि या ग्रामीण सेक्टर आदि में कोई खतरनाक मशीनों से काम करता है और उन मशीन के द्वारा वह क्षतिग्रस्त हो जाए, अंगभंग या किसी भी प्रकार की शारिरिक क्षति हो जाए तब विनिर्माता एवं निजोजक का निम्न प्रकार का दायित्व है:- (1). अधिनियम की धारा 4 के अनुसार विनिर्माता का दायित्व है कि अगर मशीन चलाने वाले श्रमिक की मृत्यु हो जाए, अंगभंग हो जाये या किसी भी प्रकार की शारिरिक क्षति हो तब वह इसकी भरपाई करेगा।(2). अधिनियम की धारा – 22 के अनुसार खतरनाक मशीन को चलाते समय अगर किसी श्रमिक की मृत्यु हो जाए या अंग भंग हो जाए या किसी भी प्रकार से शारीरिक क्षति होती है तब नियोजक का दायित्व है कि वह इस क्षतिपूर्ति का तुरंत भुगतान करे।
*खतरनाक मशीन(विनियमन)अधिनियम,1983 के अंतर्गत दण्ड का प्रावधान:-*अधिनियम की धारा 4 के अनुसार अगर कोई विनिर्माता या नियोजक अपने कर्तव्य या दायित्व का पालन नहीं करता है तब उसे छः माह का कारावास या एक हजार रुपए का जुर्माना या दोनो से दाण्डित किया जा सकता है। इनकी सुनवाई के अधिकार किसी भी न्यायालय या मजिस्ट्रेट के आधीन प्राधिकृत व्यक्ति की शिकायत पर किया जाएगा।