पहले ही दौरे में सुनने पड़े मुर्दाबाद के नारे, प्रोटोकॉल तोड़कर एक सैकड़ा बजरंग दल कार्यकर्ता सर्किट हाउस में घुसे, लव जेहाद के कथित मामले में ढील का खामियाजा मंत्री ने भुगता
छतरपुर। शुक्रवार को सामने आए लव जेहाद के एक कथित मामले में सिविल लाइन पुलिस की जांच की ढीली रफ्तार और लापरवाही का खामियाजा शनिवार को पहली बार जिले के दौरे पर आए प्रभारी मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा को भुगतना पड़ा। उन्हें कुछ पता भी नहीं था इसके बावजूद प्रभारी मंत्री मुर्दाबाद और प्रभारी मंत्री चोर है के नारे सुनने पड़े। कोरोना गाइड लाइन के प्रभावी होने और मंत्री से जुड़े प्रोटोकॉल के बावजूद बजरंग दल और विश्व हिन्दू परिषद से जुड़े लगभग एक सैकड़ा कार्यकर्ता प्रभारी मंत्री को ज्ञापन सौंपने सर्किट हाउस पहुंच गए। कार्यकर्ता जिस वक्त सर्किट हाउस पहुंचे उस समय मंत्री खाना खा रहे थे इसलिए वे एक घंटे तक बजरंग दल कार्यकर्ताओं से मिल नहीं पाए। इसी बात से नाराज होकर हिन्दू संगठनों के इन आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने पहले सिविल लाइन थाना पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की और फिर इसके बाद मंत्री को ही निशाने पर ले लिया। बहरहाल जब पुलिस और मंत्री की पर्याप्त किरकिरी हो गई तब कार्यकर्ताओं को मंत्री से मिलाया गया। उन्होंने ज्ञापन लेकर कार्यवाही की बात कही।
ये है मामला
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को पन्ना रोड पर रहने वाले किशोरी लाल अहिरवार ने अपने वकील के माध्यम से एसपी सचिन शर्मा के कार्यालय में एक ज्ञापन सौंपा था। इस ज्ञापन में किशोरीलाल अहिरवार ने दावा किया था कि 4 साल पहले तब्बू उर्फ तालिब नाम के एक लड़के ने उनकी बेटी को लव जेहाद के चक्कर में फंसाकर घर से भगा लिया था। इसके बाद लड़की से धर्म बदलकर शादी कराई गई। लड़की तालिब के साथ ही रह रही थी। एक जुलाई 2021 को लड़की ने अपने पिता को फोन कर सूचित किया था कि ससुराल में उसकी जान खतरे में है। तालिब और उसका परिवार कलमा पढऩे, गोश्त खाने का दबाव बनाता है। इस सूचना के बाद पिता ने घर जाकर लड़की को देखना चाहा लेकिन परिवार ने उसे लड़की से मिलने नहीं दिया। पिता ने आरोप लगाए हैं कि परिवार के लोगों ने उनकी लड़की की हत्या कर दी है। लड़की के ससुराल में ताला लगा हुआ है पूरा परिवार लापता है। लड़की के पिता ने कहा कि वर्ष 2016 में जब लड़की को लव जेहाद के चक्कर में घर से भगाया गया था तब भी सिविल लाइन में राजेश बंजारे ही टीआई थे तब उन्होंने नाबालिग लड़की को भगाने वालों पर कोई कार्यवाही नहंी की और एक बार फिर लड़की को खोजने में पुलिस मदद नहीं कर रही है। परिवार को संतुष्ट नहीं कर पायी पुलिसइस पूरे मामले में सिविल लाइन थाना पुलिस की गंभीर लापरवाही सामने आयी है। बीते रोज इस मामले की शिकायत सामने आने के 24 घंटे बाद भी लड़की को खोजने के लिए सिविल लाइन थाना पुलिस ने कोई ठोस प्रयास नहीं किए। लड़की का पिता कल जहां वकील के साथ आवेदन दे रहा था तो वहीं आज हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ताओं के साथ ज्ञापन दे रहा था। सिविल लाइन थाना पुलिस को यह पता भी था कि शुक्रवार को मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा छतरपुर के दौरे पर होंगे जिनके विरोध को लेकर भी हिन्दू संगठन तैयारी कर रहे थे इसके बावजूद पुलिस ने इस संवेदनशील मामले को न तो गंभीरता से लिया और न ही लड़की के पिता को भरोसे में लेकर लापता लड़की की खोज में कदम उठाए गए। सिविल लाइन पुलिस के इस पूरे फेलियर के कारण मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा और पुलिस कप्तान सचिन शर्मा को मुर्दाबाद के नारे सुनने पड़े। मंत्री ने स्वीकारा, पुलिस ने देरी की इस मामले में जब गुस्साए हिन्दू संगठन कार्यकर्ताओं ने मंत्री को ज्ञापन सौंपा तो मंत्री ने उन्हें निष्पक्ष जांच कराने और लड़की को खोजने का भरोसा दिया। उन्होंने मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि जिसकी लड़की लापता है उस परिवार का गुस्सा स्वाभाविक है। पुलिस को इस मामले में संवेदनशीलता और सक्रियता दिखानी चाहिए थी। बहरहाल अब इस मामले की जल्द जांच होगी।