14 माह बाद जिलों को मिले स्थाई प्रभारी मंत्री
छतरपुर। मप्र में कांग्रेस की सरकार भंग होने के बाद मार्च में शिवराज सिंह चौहान की सरकार बनी उसके बाद से लगातार जिलों में प्रभारी मंत्री की मांग उठती रही लेकिन शिवराज सरकार जिलों में स्थाई प्रभारी मंत्री नियुक्ति नहंी कर पाए। 14 माह के बाद अब जिलों में स्थाई प्रभारी मंत्रियों की नियुक्ति की गई। प्रभारी मंत्री के बनने से जिलों के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर देखी गई है। ढाई साल बीतने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं में जोश देखा गया है। छोटे मोटे कामो के लिए कार्यकर्ता भटक रहे थे और उनके काम नहीं हो रहे थे। जिले में बैठे जिले के वरिष्ठ अधिकारी अपनी मनमानी करने में आमादा थे लेकिन अब उन पर शिवराज सिंह ने अंकुश लगा दिया है। जिले के प्रभारी मंत्री बनने के बाद से जिले के हालातों एवं बिगड़ी व्यवस्थाओं में काफी सुधार होगा। अधिकारियों की निरंकुशता पर भी अब अंकुश लगेगा। अपनी मनमानी करने वाले अधिकारियों पर शिवराज सरकार की गाज गिर सकती है। जिले में दो मात्र विधायक भाजपा के हैं बाकी तीन विधायक कांग्रेस के हैं एवं एक विधायक सपा के चुने गए हैं लेकिन सभी विधायकों को इस समय जिला प्रशासन से अच्छी खासी नाराजगी है। कोई भी विधायक जिला कलेक्ट्रेट एवं पुलिस अधीक्षक कार्यालय तक जाने के लिए तैयार नहीं होते। विधायकों का रोना है कि जिलाप्रशासन उनकी बातों को तबज्जो नहीं देता। ये सब खबरें जब मुख्यमंत्री तक पहुंची तो उन्होने आनन फानन में जिले के प्रभारी मंत्रियों की नियुक्ति कर दी आज जिले के प्रभारी मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा जैसे ही छतरपुर सीमा में प्रवेश किया कार्यकर्ताटों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया और उन्होंने भी भाजपा कार्यालय में काफी समय देका संतुष्ट कार्यकर्ताओं को संतुष्ट करने काभरसक प्रयास किया। चंदला विधायक राजेश प्रजापति, बड़ामलहरा िवधायक प्रद्युम्र सिंह लोधी के अलावा जिला भाजपा अध्यक्ष मलखान सिंह और भारी तादाद में मंडल के अध्यक्ष और कई भाजपा के दिग्गज नेतामौजूद थे। हालांकि प्रभारी मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पहली प्राथमिकता कोरोना से निपटना था अब समय आ गया है कि क्षेत्र के विकस के लिए कार्य क्रिए जाएं और भाजपा कार्यकर्ताओं की समस्याओं का निदान किया जाए।