शासकीय सेवक विधि का पालन करते हुए तथ्य की भूल से कोई अपराध कर दे तब वह कब क्षमा योग्य माना जाता है जानिए/ IPC …
हमारी भारतीय दण्ड संहिता के अध्याय – 4 में साधारण अपवाद दिये गए हैं इनमे कुल मिलाकर 31 धाराओ का समावेश है,ये अपवाद यह बताते हैं कि व्यक्ति द्वारा किया गया अपराध कब अपराध की श्रेणी में नहीं आता है। अर्थात किन-किन परिस्थितियों में किया गया अपराध क्षमा योग्य होता है यह जानकारी हम आपको आज से हमारी भारतीय दण्ड संहिता की सीरिज में बताएंगे।
★भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा-76 की परिभाषा:-★
अगर किसी व्यक्ति या लोकसेवक जो विधि के नियमों के अनुसार कार्य कर रहा है एवं उसके द्वारा तथ्यों की भूल के कारण कोई अपराध हो जाता है, अर्थात किसी घटना या परिस्थितियों को देखते हुए विधि का पालन करते हुए कोई अपराध का होना, तब ऐसे अपराध को धारा 76 के अनुसार क्षमा योग्य माना जायेगा।
सरल शब्दों में अगर कहे तो किसी भीड़-भाड़ वाले स्थान पर सेना के वरिष्ठ अधिकारी के कहने पर सैनिक द्वारा हवा में फायरिंग कर दी जाए एवं गलती से फायरिंग की गोली किसी व्यक्ति को लग जाए तब यह तथ्य की भूल का अपराध होगा।
नोट:- संहिता में विधि की भूल किसी भी प्रकार से क्षमा योग्य नहीं है अर्थात कोई व्यक्ति यह नहीं कह सकता है कि उसे इस कानून की जानकारी नहीं है, क्योंकि जब कोई विधि भारत सरकार द्वारा बनाई जाती है उसकी अधिसूचना तुरंत जारी कर दी जाती है।