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लव जेहाद मामले में नया खुलासा, लड़की की हुई मौत…झांसी में मौत के बाद बिना पीएम के परिवार ने दफनाया

छतरपुर। छतरपुर के पन्ना रोड पर रहने वाले किशोरीलाल अहिरवार की पुत्री नीलम उर्फ अफरोज की बरामदगी को लेकर चल रहे प्रयासों के बीच अब नया खुलासा सामने आया है। छतरपुर पुलिस की जांच में यह बात सामने आ चुकी है कि नीलम ने जहरीला पदार्थ खाया था जिसके बाद उसके परिजन उसे इलाज के लिए झांसी ले गए थे यहां चिरंजीव अस्पताल में हालत बिगडऩे पर उसे ग्वालियर ले जाया जा रहा था। रास्ते में ही नीलम ने दम तोड़ दिया जिसके बाद ससुराल के लोगों ने उसे बिना पोस्टमार्टम के ही झांसी में दफना दिया। अब पुख्ता होने लगे प्रताडऩा के आरोपउल्लेखनीय है कि वर्ष 2016 में पंचवटी ढाबे के पीछे रहने वाले किशोरीलाल अहिरवार की नाबालिग बेटी नीलम तब्बू उर्फ तालिब के साथ भाग गई थी। पिता का आरोप है कि तब्बू ने हिन्दू बनकर उनकी लड़की को लव जेहाद में फंसाया था। पुलिस ने इस मामले में आरोपी तब्बू तनय कमाल खान निवासी पन्ना रोड पर बहला-फुसलाकर भगाने के आरोप में मुकदमा कायम किया था और लड़की को बरामद कर उसे किशोरीलाल अहिरवार को सौंपना चाहा था तब किशोरीलाल ने लड़की को स्वीकार नहीं किया था जिसके बाद लड़की कुछ दिन एक आश्रय गृह में रही और बाद में तब्बू उर्फ तालिब के साथ ही रहने लगी थी। नीलम को अपनी ससुराल में नया नाम अफरोज मिला था। वर्ष 2016 से जून 2021 तक इस मामले में कुछ नहीं हुआ लेकिन जुलाई के पहले सप्ताह में लड़की के पिता किशोरीलाल ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर एक शिकायती आवेदन दिया था। किशोरीलाल ने कहा था कि उनकी बेटी ने उन्हें एक जुलाई को फोन कर बताया था कि ससुराल के लोग जिनमें पति तालिब, जेठ विशाल, ससुर कमाल खां एवं सास शहनाज बेगम आदि उनकी लड़की को प्रताडि़त कर रहे हैं। लड़की से कलमा पढ़वाने और मांस खाने की जबर्दस्ती की जा रही है। पिता के मुताबिक लड़की खुद को बचाने की गुहार लगा रही थी। जब पिता ने लड़की के फोन के बाद उसके घर जाकर उससे मिलना चाहा तो ससुराल के लोगों ने उसे मिलने नहीं दिया। पिता के उक्त आरोप अब पुलिस जांच में पुख्ता होते नजर आ रहे हैं। अब तक जांच में क्या मिलाइस मामले में छतरपुर की सिविल लाइन पुलिस पिछले 5 दिनों से जांच की धीमी रफ्तार के साथ आगे बढ़ रही थी। प्रभारी मंत्री के सामने हिन्दू संगठनों के विरोध के बाद जब एसपी सचिन शर्मा इस मामले में सक्रिय हुए और उन्होंने सीएसपी लोकेन्द्र ङ्क्षसह को जांच का नेतृत्व सौंपा तब कुछ सुराग हाथ लगना शुरू हुए हैं। पुलिस की प्रारंभिक जांच के मुताबिक लड़की को उसके ससुराल के लोग झांसी के चिरंजीव अस्पताल में इलाज के लिए लेकर पहुंचे थे। अस्पताल के पर्चों में इस बात का जिक्र सामने आया है कि लड़की ने जहरीले पदार्थ का सेवन किया था। लड़की की हालत बिगडऩे के बाद उसे परिवार के लोग ग्वालियर ले जा रहे थे लेकिन उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।लड़की की जहरखुरानी से हुई मौत के बावजूद ससुराल के लोगों ने उसका पोस्टमार्टम नहंी कराया बल्कि झांसी में ही एक कब्रिस्तान में उसे दफना दिया गया। अब छतरपुर पुलिस झांसी पुलिस के साथ समन्वय बनाकर लाश को कब्रिस्तान से बाहर निकलवाने और उसका पीएम कराने की तैयारी में है। पीएम के बाद ही इस मामले में मर्ग विवेचना शुरू होगी और तब जांच के बाद आगे की कार्यवाही होगी। उधर इस मामले में पुलिस ने आरोपों के बाद तब्बू उर्फ तालिब के पिता को थाने बुलाया था और पूछताछ के बाद से छोड़ दिया था। इनका कहना-इस मामले में अफरोज नामक महिला के मेडिकल पर्चे सामने आए हैं जिसमें जहर खाने का जिक्र है। मौत का सही कारण पीएम के बाद ही पता लगेगा। हम झांसी प्रशासन समन्वय बनाकर बॉडी को कब्र से निकलवाने और उसका पीएम कराने की दिशा में काम कर रहे हैं। लोकेन्द्र सिंह, सीएसपी, छतरपुर

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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