निजी स्कूल संचालक छात्रों की मार्कशीट व टीसी देने से कर रहे इंकार, दबंगई से वसूल रहे फीस, शासन के निर्देश दरकिनार, ट्यूशन फीस में ही जड़ दिए कई फंड
छतरपुर। मप्र शासन के स्कूली शिक्षा विभाग के आदेश के अनुसार स्कूल संचालक छात्रों की फीस जमा न होने पर उनकी टीसी एवं मार्कशीट नहीं रोक सकते। परंतु छतरपुर जिले में निजी स्कूल संचालकों के द्वारा शासन के आदेशों की ख्ुालेआम धज्जियां उड़ाते हुए छात्रों कके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। स्कूलों के खिलाफ बोलें, तो बच्चे के भविष्य पर तलवार लटक जाती है। हालांकि प्राइवेट स्कूलों की मनमानी के खिलाफ शहर में इन दिनों आवाज बुलंद होने लगी है, लेकिन जब तक सभी अभिभावक नहीं जागेंगे, सरकारी तंत्र की नींद भी नहीं खुलेगी और यह खुला लूट का खेल चलता रहेगा।
प्राइवेट स्कूलों में बच्चों से कई तरह के शुल्क वसूले जाते रहे हैं। लेकिन कोरोना के चलते लॉक डाउन में सरकार ने निजी स्कूलों को केवल ट्यूशन फीस लेने का निर्देश दिया था लेकिन निजी स्कूलों ने सरकारी आदेश को ठेंगा दिखाते हुए अन्य सारे एनुअल फन्ड ट्यूशन फीस में ही जोड़ कर लूटपाट का नया खेल शुरू कर दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार राइवल इंग्लिश हाई सेकेण्डरी स्कूल सटई रोड के संचालक प्रणव दीक्षित के द्वारा अपने स्कूल के छात्र अनुराग शिवहरे की मार्कशीट एवं टीसी आज दिनांक तक नहीं दी। स्कूल के संचालक के द्वारा छात्र के अभिभावक को परेशान कर फीस की वसूली की जा रही है। जबकि क्लासें लगी नहीं और बच्चे ने स्कूल में एडमीशन लिया नहीं। उसके बावजूद भी स्कूल के संचालक के द्वारा दबंगई से ट्यूशन फीस एवं अन्य फीस की वसूली की जा रही है छात्र के पिता ने इसकी लिखित शिकायत जिला कलेक्टर छतरपुरसे की है। परंतु अभी तक स्कूल संचालक पर कोईकार्यवाही नहीं की गई है। ऐसे ही कई मामले प्रतिदिन सामने आ रहे हैं। छात्र और छात्राएं सरकारी स्कूल में एडमिशन कराने के लिए चक्कर लगा रहे हैं परंतु उनके पास मार्कशीट और टीसी न होने के कारण वे वेवश हैं। शिक्षा विभाग के द्वारा एडमीशन की अंतिम तारीख 15 जुलाई निर्धारित की गई है। यदि जिला प्रशासन ने हस्तक्षेप नहीं किया तो कभी भी कोई अनहोनी घटना घट सकती है।