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न्याय संगत कार्य करना कब अपराध नहीं होता है जानिए/IPC…

न्यायसंगत या न्यायानुमत कार्य वह कार्य होता है जो विधि के अनुसार सही हो अर्थात ऐसा कार्य जिससे किसी भी प्रकार से हो रहे अपराधों को रोकना या किसी भी प्रकार के अत्याचार को रोकना न्यायानुमत या न्यायसंगत कार्य होता है।   

एक अच्छे नागरिक का फर्ज होता है कि वह किसी व्यक्ति पर हो रहे अत्याचारों या अपराधों को रोके मगर जब वह ऐसा करता है, तब कोई पुलिस अधिकारी ऐसे व्यक्ति से बोलता है कि :- आपको कौन सा अधिकार है आरोपी को पकड़ने का आप क्या मजिस्ट्रेट हो, आप क्या कलेक्टर हो, ऐसे शब्दों के कारण व्यक्ति आज अपनी जिम्मेदारी से दूर हो रहा है।   लेकिन आज के लेख की धारा-79 में हम बतायेगे की किसी भी व्यक्ति को अपराध करने से रोकना या  अपराधी को गिरफ्तार करके थाने में भेजना,अपराध नहीं होगा न्यायालय द्वारा ऐसा करने वाले किसी भी व्यक्ति को किस धारा के अंतर्गत क्षमा कर दिया जाएगा जानिए।

★भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 79 की परिभाषा:-★
कोई भी व्यक्ति ऐसा कार्य जो विधि के अनुसार न्यायानुमत है,तब वह कानून को ध्यान में रखते हुए ऐसा कार्य करता है वह किसी भी प्रकार से अपराध नहीं माना जाएगा।


उधारानुसार:- अगर कोई व्यक्ति किसी महिला के साथ बलात्कार करने की कोशिश कर रहा है ऐसे में कोई अन्य व्यक्ति बलात्कार करने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार करके पुलिस हिरासत में देता है तब वह व्यक्ति जिसमे अपराध को होने से रोका हैं उसने किस भी प्रकार का कोई अपराध नहीं किया हैं।


:- लेखक बी. आर. अहिरवार(पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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