तीन सांसद में दो केंद्रीय मंत्री-एक बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष, फिर भी लावारिस
( धीरज चतुर्वेदी ) छतरपुर शहर में नौगाव रोड पर बिजली के पोल गाड़ने के लिये दर्जनों गड्डे खोद दिये जाते हैं । जिसमे गिरने से एक युवक शैलेन्द्र यादव की मौत हों जाती। अब यह गड्डे खोदने वाली कौन सी अज्ञात शक्ति थी इस बारे में किसी को कुछ नहीं पता। नगरपालिका, बिजली महकमा और जिला प्रशासन सभी कह रहे कि यह गड्डे किसने खोदे उन्हें नहीं पता। क्या यह लावारिस जिला हैं, जिसे कोई भी आकर लूटे खसोटे। यह बेहाली उस जिले की हैं जहाँ के तीन ताकतवर सांसद हैं। दो केंद्र में मंत्री हैं तो एक मप्र बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष हैं। इन जन प्रतिनिधियों का दायित्व हैं कि नगरपालिका और प्रशासनिक लापरवाही के कारण 39 साल के शैलेन्द्र यादव की मौत के मामले में नगरपालिका के सीएमओ, इंजीनियर सहित परिषद के प्रशासक पर धारा 304 ए का अपराध दर्ज करवाने की पहल करें। तीन दिन पहले नौगाव रोड पर शैलेन्द्र यादव की प्रशासनिक लापरवाही के कारण एक प्रकार से हत्या कर दी गई। बस स्टैंड के पास डिवायडर के पास खोदे गये गड्डे में गिरने से शैलेन्द्र यादव हादसे का शिकार हों गया। वह मोटर सायकिल से रात्रि समय अपने घर जा रहा था। खोदे गये गड्डे के संकेत के लिये कोई चिन्ह नहीं थे। मोटर सायकिल इस गड्डे में गिर गई और यहीं हादसा शैलेन्द्र की मौत का कारण बना। यह मामला नगरपालिका और प्रशासनिक तंत्र की घोर बेशर्मी को बया करता हैं। कोई यह बताने को तैयार नहीं हैं कि पूरी नौगाव रोड पर दर्जनों गड्डे आखिर किसने खोदे थे और किसके आदेश पर खोदे गये थे। एक नौजवान की मौत का कोई यह साधारण मामला नहीं बल्कि सिस्टम कारित हत्या हैं। जो सीधे तौर पर अपराध के दायरे में आता हैं। इस तरह के मामले में गड्डे खोदने वाले अज्ञात, जिम्मेदार नगरपालिका के सीएमओ, इंजीनियर और प्रशासक पर धारा 304 ए का अपराध दर्ज होना चाहिये। यह पहल जिले के जन प्रतिनिधियों को करनी चाहिये जिससे गंभीर प्रशासनिक लापरवाही के कारण किसी के घर का चिराग ना बुझ सके और बच्चों के सिर से पिता का साया ना उठ सके।