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जिला प्रशासन के संरक्षण में पाबन्दी के बाद भी हो रहा रेत का खनन, अवैध भंडारण और परिवहन…

छतरपुर। जिले में रेत का अवैध कारोबार अब और धड़ल्ले से चल रहा है। जिसे रोक पाने में जिला प्रशासन पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है।मिली जानकारी के अनुसार जिले में रेत ठेकेदार का ठेका निरस्त होने के बाद से पूरे जिले में अवैध रेत का उत्खनन एवं परिवहन तेजी से शुरु हो गया है। चूंकि वर्षा जिले में न होने के कारण रेत माफिया बड़ी बड़ी मशीनों के द्वारा नदियों से रेत का उत्खनन कर गुप्त रूप से डंप कर रेत का परिवहन कर रहे हैं। ओवर लोडिंग ट्रकों और ट्रालों के माध्यम से प्रतिदिन सैकड़ों ट्रकों से यह अवैध रेत का कारोबार उप्र में किया जा रहा है। सरकार को लाखों रुपए का चूना लग रहा है। खनिज विभाग की टीम एकदो दिन में जरूर लवकुशनगर क्षेत्र में चक्कर लगाती है और छोटी मोटी कार्यवाही कर वापस लौट आती है। रेत माफियों के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिले में पुलिस प्रशासन और जिलाप्रशासन के सहयोग से यह रेत का अवैध कारोबार किया जा रहा है। जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी होने के बाद भी इन रेत माफियों पर कोई कार्यवाही आखिरकार क्यों नहीं हो रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जो रेत का कारोबार कर रहे हैं वह भाजपा और कांग्रेस के नेताओं से जुड़े लोग हैं। जिन पर कार्यवाही करने में जिलाप्रशासन की हवा निकलती है। इससंबंध में जिला खनिज अधिकारी अमित मिश्रा से चर्चा की तो उन्होंने कहा कि जो लोग भी रेत का अवैध कारोबार कर रहे हैं वह पूरी तरह से गलत है लेकिन हमारे पास स्टाफ की कमी होने के कारण हम हर जगह छापामार कार्यवाही नहीं कर पा रहे हैं जिले में ही प्रतिदिन सैकड़ों ट्रेक्टर रेत लेकर गायत्री मंदिर के पास बेचते मिल जाएंगे। मजेदार बात ये है कि यह सभी ट्रैक्टर शहर के तीनों थानों से गुजरकर रेत मंडी में आते हैं आखिरकार पुलिस इनको क्यों नहीं पकड़ती और खनिज विभाग का अमला इन रेत के अवैध कारोबार करने वालों पर क्यों कार्यवाही नहीं करती यह सवाल खड़े हो रहे हैँ। कुल मिलाकर छतरपुर जिले में रेत का ठेक निरस्त होने के बाद से रेत का कारोबार काफी तेजी से फलफूल रहा है। कलेक्टर से लेकर जिम्मेदार अधिकारी रेत के खेल में अगर रोक लगा पाते तो शायद ऐसी तस्वीरें आपके सामने नही आ पातीं। लेकिन साहब करें भी तो क्या और कैसे… जिले में चल रहे अवैध रेत के कारोबार को रोकना सरकार और उसके नुमांईदों के बूते की बात नही है…

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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