प्रसूति गृह में घूम रहे कुत्ते, जमीन पर लेटी माताएं, नए ज्वाइंट डायरेक्टर को निरीक्षण में नहीं दिखी खामियां
छतरपुर। शुक्रवार को सागर संभाग के नए क्षेत्रीय स्वास्थ्य संचालक डॉ. व्हीके खरे ने जिला अस्पताल का निरीक्षण किया और व्यवस्थाओं को संतोषप्रद बताया। मीडिया के सामने चर्चा करते हुए उन्होंने तीसरी लहर को पहले पूरी तरह नकार दिया लेकिन बाद में कहा कि अगर तीसरी लहर आती है तो उनके प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तक में सारी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद हैं। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों को भी टीके लग रहे हैं इसलिए तीसरी लहर का कोई खतरा नहीं है।
अव्यवस्थाओं को नजर अंदाज करते रहे ज्वाइंट डायरेक्टर
जिला अस्पताल में पिछले लगभग एक महीने से लिफ्ट खराब पड़ी हैं। इसके अलावा प्रसूति गृह में महिलाएं अपने नवजात बच्चों के साथ जमीन पर लेटकर अपना उपचार करा रही थीं और प्रसूति गृह में कुत्ते बेखौफ घूम रहे थे लेकिन ज्वाइंट डायरेक्टर साहब को यह सब नजर नहीं आया। मीडिया से बात करते समय उन्होंने अपने तारीफों के पुल बांधते हुए कहा कि जबसे वे ज्वाइंट डायरेक्टर बने हैं तबसे व्यवस्थाएं संतोषजनक हैं और उन्होंने लगभग हर स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण किया है और करते भी जा रहे हैं। ऑक्सीजन प्लांट पर जेडी ने कहा एक दिन में नहीं होती व्यवस्थाएंजिला अस्पताल का निरीक्षण करने आए ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ. व्हीके खरे से जब ऑक्सीजन प्लांट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने सवाल को काटते हुए कहा कि व्यवस्थाएं एक दिन में नहीं हो जातीं। धीरे-धीरे सब होगा लेकिन शायद ज्वाइंट डायरेक्टर को जानकारी नहीं है कि छतरपुर में 1500 लीटर का ऑक्सीजन प्लांट स्वीकृत हुआ था लेकिन बाद में यह घटकर आधा हो गया और तय समय से लगभग तीन महीने बाद काम शुरू हुआ है। उसके बावजूद अभी पूरी व्यवस्थाएं होने में समय लगेगा।
औपचारिकतापूर्ण रहा ज्वाइंट डायरेक्टर का दौरा
संभाग के स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारी से यह उम्मीद थी कि उनके आने पर जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं में और भी सुधार देखने को मिलेगा लेकिन लापरवाही का आलम यह था कि इधर ज्वाइंट डायरेक्टर पत्रकारों के सवालों के जवाब में आरोपों को नकार रहे थे तो वहीं प्रसूति गृह के बाहर महिलाओं के बगल में कुत्ते बैठे हुए थे। इसके अलावा डॉक्टर्स के समय पर न आने, ओपीडी की समस्या, नर्सों का बर्ताव, अस्पतालों की महत्वपूर्ण मशीनरी के ऑपरेट न होने तथा साफ-सफाई जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर उन्होंने कुछ न कहते हुए व्यवस्थाओं पर संतोष जताया और अपनी वाहवाही में समय गुजार दिया।