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किसी व्यक्ति या संपत्ति को बचाने के लिए किया गया अपराध कब क्षमा योग्य होगा जानिए/IPC..

कभी-कभी बस का ड्राइवर हो या अन्य कोई चालक (सवारी वाहन वाले) सड़क पर चलते हुई बाइक वाले का एक्सीडेंट कर देते हैं एवं न्यायालय ऐसे व्यक्ति को क्षमा कर देता है क्योंकि बस चालक या अन्य वाहन चालक अचानक बस को नियंत्रण नहीं कर सकते हैं अगर वह ऐसा करते हैं तो बस पलट सकती है एवं उसने बैठे हुए यात्री को गंभीर क्षति हो सकती है इस लिए वह छोटे साधन वाले व्यक्ति को क्षति पहुचना ठीक समझते हैं क्योंकि बहुत से लोगो की जान बचाने के लिए एक-दो व्यक्ति को नुकसान पहुचाना विधि में क्षमा योग्य माना गया है लेकिन शर्त यह है कि व्यक्ति का कोई आपराधिक उद्देश्य नहीं होना चाहिए।

★भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा-81  की परिभाषा:-★अगर कोई व्यक्ति ऐसा सावधानीपूर्वक कार्य कर रहा है जिससे किसी भी प्रकार की हानि होने की संभावना नहीं है और किसी को हानि हो जाती है तब ऐसा अपराध क्षमा योग्य माना जायेगा निम्न शर्तो के अधीन:- 1.कार्य करते समय व्यक्ति का कोई आपराधिक उद्देश्य नहीं होना चाहिये।2. व्यक्तियों या संपत्ति को बचाने के लिए सावधानीपूर्वक किया गया कार्य।3.बिना आपराधिक आशय से कम अपहानि के बदले ज्यादा अपहानि को होने से रोकने के लिए किया गया कार्य।
उधारानुसार:- अगर किसी जल मार्ग में बड़ा जलयान चल रहा है एवं उसके अगल-बगल में छोटी-छोटी नावे चल रहा है जलयान में 60 से अधिक व्यक्ति बैठे हुए हैं तब जलयान के सामने पत्थर का एक टीपू आने वाला होता है जिससे जलयान नष्ट हो सकता है तब जलयान चालक 60 व्यक्तियों को बचाने के लिए अपनी सीमा में परिवर्तन करेगा एवं इससे  छोटी नाव में एक या दो व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है एवं नाव क्षतिग्रस्त हो जाती है तब जलयान चालक द्वारा कोई अपराध नहीं माना जायेगा क्योंकि उसने ज्यादा व्यक्ति की जान बचाने के लिए ऐसा कार्य बिना आपराधिक उद्देश्य से किया था।

:- लेखक बी.आर. अहिरवार(पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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