सात वर्ष से कम आयु के बच्चों द्वारा किया गया अपराध कब क्षमा योग्य होता है, जानिए / IPC…
कहते कि की कम उम्र के बच्चों को समझ नहीं होती है एवं भगवान भी उनकी गलती को माफ कर देते हैं। अगर हम बात करे बाल-विकास की तो इनकी आई.क्यू. क्षमता 70 से 80-85 के बीच होती है जो क्षीण बुद्धि या मंद बुद्धि के अंतर्गत आती है। इसकी को ध्यान में रखते हुए हमारी दण्ड संहिता में सात वर्ष की कम उम्र के बच्चों द्वारा किया गया कोई अपराध, अपराध नहीं माना है।
★भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 82 की परिभाषा★
अगर किसी सात वर्ष से कम उम्र के बालक या बालिका द्वारा कोई अपराध किया जाता है तब वह धारा 82 के अंतर्गत किसी भी प्रकार का अपराध नहीं होगा। अर्थात वह पूरी तरह क्षमा योग्य होगा।
★उधारानुसार वाद:-★
1. बाबू सेन बनाम सम्राट- के मामले में यह स्पष्ट किया गया कि धारा 82 के अंतर्गत सात वर्ष से कम आयु के बच्चों को आपराधिक दायित्व से पूर्ण उन्मुक्ति केवल दण्ड संहिता की धारा 82 ही नहीं देती है यह उन सभी स्थानीय विधि, विशिष्ट विधियाँ पर भी लागू होता है।
2. श्याम बहादुर बनाम राज्य:- मामले में सात वर्ष से कम आयु के एक बालक को सोने की एक तश्तरी पड़ी मिली जिसकी उसने कही भी रिपोर्ट नहीं लिखवाई और अपने पास रख ली, परन्तु फिर भी उसके विरुद्ध कोई अभियोजन नहीं चलाया जा सका।
:- लेखक बी.आर.अहिरवार(पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665