राजस्व मामलों में दो दिन से ज्यादा की तारीख न दें लोगों को जल्द मिले न्याय – कलेक्टर
छतरपुर। कलेक्टर ने राजस्व प्रकरणों की समीक्षा में जिले के एसडीएम को निर्देश दिये की कोर्ट केस में दी जाने वाली तारीखों के लिये शासन के नियमों के पालन करें। लंबी अवधि की तारीख न दें तथा तारीख के लिये दो दिन का वक्त देते हुये अगली तारीख तय करें। कलेक्टर श्री सिंह ने प्राकृतिक आपदा के प्रकरणों में सहायता राशि की समीक्षा करते हुये राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिये कि आरबीसी योजना में दी जाने वाली सहायता के प्रकरणों में शिथिलता नही तत्परता बरतें जिससे पीडि़त और व्यथित व्यक्ति एवं परिवारों को सहायता राशि का लाभ समय पर मिल सके। उन्होंने कहा कि राजस्व अधिकारी लंबित खनिज राजस्व की वसूली अभियान के रूप में करें। सुकन्या योजना, समृद्धि योजना के तहत लोगों को प्रेरित करते हुये खाते खुलवाये। इस योजना में एसडीएम और सीडीपीओ, आईसीडीएस मिलकर कार्य करें।पात्र तबादले ही प्रस्ताव के रूप में भेजें कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में सोमवार को टीएल की समीक्षा करते हुये कहा कि विभागीय अधिकारी स्थानांतरण नीति के तहत ही प्राप्त हुये प्रस्ताव का अनिवार्य रूप से परीक्षण करें और नियमानुसार किये जाने लायक पात्र प्रस्ताव पर ही रिमार्क लिखते हुये ट्रांसफर की अनुशंसा करें। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि बिना परीक्षण के भेजे गये प्रस्ताव के लिये सबंधित विभागीय अधिकारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। निरीक्षण में अधिकारी के नहीं पहुंचने पर दी चेतावनी कलेक्टर ने ईई-आरईएस को चेतावनी दी कि बिना अनुमति के मुख्यालय से बाहर नही रहें और विभागीय प्रकरणों के संबंध में मुख्यालय से बाहर जाने की स्थिति में जितने दिनों की अनुमति ली गई है उस अवधि में मुख्यालय पर वापस लौटें। उल्लेखनीय है कि ईई-आरईएस शासकीय दायित्व निर्वहन पर गुरूवार एवं शुक्रवार के दिवसों के लिये बाहर गये थे और उन्हें शनिवार सार्वजनिक अवकाश दिवस पर मुख्यालय उपस्थित होना था। शनिवार की प्रात: कलेक्ट्रेट के स्टाफ द्वारा उनसे मोबाइल पर हुई चर्चा में सूचित किया गया कि अमुक ग्राम में कलेक्टर द्वारा किये जाने वाले निरीक्षण स्थल पर पहुंचे लेकिन दी गई सूचना के बावजूद ईई-आरईएस निरीक्षण स्थल पर नही पहुंचे और न ही पहुंचने के संबंध में कोई सूचना भी दी जाकर निर्देश का पालन न करते हुये अनुशासनहीनता की गई।