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रेत माफियों को आखिरकार किसका संरक्षण? पुलिस एवं खनिज विभाग कार्यवाही करने से क्यों कतराते हैं…

छतरपुर। जिले में रेत का अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। आखिरकार इन रेत माफियों को कौन संरक्षण दिए हुए है। जो कि पूरे जिले में धड़ल्ले से रेत का अवैध कारोबार कर रहे हैं। छतरपुर शहर के तीनों थानों से प्रतिदिन सैकड़ों ट्रेक्टर रेत से भरे निकलते हैं लेकिन पुलिस इन पर कार्यवाही क्यों नहीं करती। छतरपुर पुलिस कप्तान के बंगले से 200 मीटर दूरी पर रेत की मंडी खुलेआम चल रहा है उसके बावजूद भी पुलिस इनकी धरपकड़ क्यों नहीं करती। अपराधियों के घर जाजाकर उनको धमकाया जा रहा है परंतु रेत माफियों को रेत का अवैधव्यापार करने की आखिरकार पुलिस छूट क्यों दिए हुए है। केन नदी, उर्मिल नदी एवं लवकुशनगर क्षेत्र की कई क्षेत्रों से रेत का अवैध कारोबार पुलिस प्रशासन औरखनिज विभाग के संरक्षण में खुलेआम किया जा रहा है।जिसकी शिकायतें भी प्रदेशस्तर पर की जा चुकी हैं परंतु रेत माफियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वह जिले प्रशासन की किसी भी कार्यवाही करने के लिए खुली चुनौती दिए हुए हैं। फिलहाल छतरपुर जिले में रेत का अवैध कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि इस कारोबार में सफेदपोशधारियों और अधिकारियों की मिली भगत से यह व्यापार चल रहा है। कांग्रेस के विधायक गोविंद सिंह ने इस संबंध में एक पिटीशन दायर की है जिसमें मप्र भर में रेत का अवैध कारोबार सरकार के संरक्षण में चलने की बात कही गई है। 

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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