उठाव में देरी के कारण स्टेशन पर ही भीग गया 2608 मीट्रिक टन यूरिया…
हरपालपुर। विगत वर्षों में हुई गलतियों से सबक न लेते हुए एक बार फिर एनएफएल कंपनी और परिवहन ठेकेदार की लापरवाही के कारण किसानों को बांटने के लिए हरपालपुर रैक प्वाइंट पर पहुंचा 2608 मीट्रिक टन यूरिया बारिश में भीग गया। मंगलवार को गुना से पहुंचा यह यूरिया स्टेशन के ही रैक प्वाइंट पर रखा था। खुले आसमान के नीचे रखे इस यूरिया को मंगलवार और बुधवार को हुई बारिश के कारण काफी नुकसान हुआ है। यूरिया को बारिश से बचाने के लिए बुधवार को इसे तिरपाल से ढाकने का प्रयास किया गया। जब बारिश से यूरिया के भीगने की खबर सोशल मीडिया पर चली तो कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह के निर्देश पर कृषि विभाग की एक टीम मामले की जांच करने पहुंची। ये है मामलाजानकारी अनुसार मंगलवार सुबह 6 बजे के करीब मध्यप्रदेश के गुना जिले में स्थित विजयपुर से एक मालगाड़ी के द्वारा 2608 मैट्रिक टन यूरिया हरपालपुर रेल्वे स्टेशन के रैक प्वाइंट पर पहुंचा था। जिसको परिवहन ठेकेदार द्वारा ट्रकों में लोड कर छतरपुर एवं टीकमगढ़ जिले के विभिन्न स्थानों पर भेजा जाना था लेकिन ठेकेदार एवं एनएफएल कंपनी के एरिया मैनेजर के द्वारा बारिश के मौसम में इसे खुले आसमान के नीचे रखवा दिया गया। यह यूरिया मंगलवार एवं बुधवार को हुई तेज़ बारिश में भीग गया। बारिश से बचाव के लिए तिरपाल भी डाली गई। बारिश इतनी तेज़ हुई कि यूरिया की बोरियां आधे से ज्यादा पानी भीग गईं। कुछ बोरियां फटने से इनका यूरिया रैक प्वाइंट पर ही बिखर गया। यह जानकारी जब कलेक्टर शीलेंद्र सिंह को लगी तो उनके निर्देश पर कृषि विभाग की टीम बारिश में भीगे यूरिया का निरीक्षण एवं सैम्पल लेने पहुंची।कृषि विभाग के अधिकारी एसके मिश्रा, एसएडीओ व्हीजे सिंह, सहायक कृषि विकास अधिकारी आरएओ सुरेंद्र अग्रवाल ,व्ही के शुक्ला सहित चार सदस्यी टीम द्वारा रैक प्वाइंट पर डंप यूरिया का सैम्पल लिया गया साथ ही लहचूरा रोड के मार्कफेड गोदाम में भी यूरिया के सैम्पल भरे गये।हर बार बांट दी जाती हैं भीगी खादकभी रेलवे तो कभी परिवहन ठेकेदार की लापरवाही के कारण यूरिया में बारिश में भीग जाती है और हर साल सेम्पल के नतीजे आने के पहले ही यह यूरिया किसानों को बांट दिया जाता है। पहले भी हरपालपुर रेलवे स्टेशन पर ऐसा हो चुका है। पिछले मामलों में भी अधिकारियों के खिलाफ कोई बड़ी कार्यवाही सामने नहीं आयी। किसानों को मिलने वाला यह गीला खाद कई बार खेती के लिए नुकसानदायक होता है। इसका पूरा खामियाजा किसानों को ही भुगतना पड़ता है।
इनका कहना-
बारिश के कारण यूरिया के भीगने की खबर मिलते ही टीम के द्वारा इसके सेम्पल कराए गए हैं साथ ही यूरिया को पानी से सुरक्षित किया गया है। यदि इस लापरवाही में जिम्मेदारों की भूमिका पायी जाएगी तो उनके खिलाफ कार्यवाही होगी।
एसके मिश्रा, वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी, नौगांव
यूरिया परिवहन में मजदूरों एवं ट्रकों की कमी के चलते इसे रैक प्वाइंट पर डंप कराया गया था। उठाव में देरी के कारण यह बारिश में भीग गया लेकिन तुरंत सुरक्षा के इंतजाम किए गए जिसके कारण ज्यादा नुकसान नहीं हुआ।
भैया पटेल, एरिया मैनेजर, एनएफएल कंपनी