दरिंदे को फांसी की सजा: रेप के बाद 12 साल की बच्ची का गला घोंटा था
कोर्ट ने कहा- आत्मा कांप गई, कठोर दंड नहीं दिया तो ऐसे अपराध कन्या भ्रूण हत्या की नींव बनेंगे
सागर की अदालत ने बलात्कार के अपराधी को सजा ए मौत दी है। सागर के पास आपचंद में रहने वाले वीरेंद्र ने 2019 में 12 साल की बच्ची से रेप कर हत्या कर दी थी। पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश ने सजा सुनाते वक्त कहा कि वारदात के वक्त बच्ची की पीड़ा की कल्पना कर पाना मुश्किल है। इसके बाद भी आरोपी को पछतावा नहीं है। कोर्ट ने दुष्कर्मी को डॉग स्क्वॉड, डीएनए रिपोर्ट, घटनास्थल पर मिले सबूत और चश्मदीदों के बयान के आधार पर सजा सुनाई।
7 अप्रैल 2019 को सानौधा थाना के ग्राम बोधा पिपरिया के पास जंगल में 12 साल की बच्ची का शव मिला था। पुलिस जांच में पता चला कि बच्ची दादी के साथ पैदल घर जा रही थी। रास्ते में आरोपी वीरेंद्र मिला। वह बच्ची को साइकिल पर बैठा ले गया। कुछ देर बाद दादी घर पहुंच गई, लेकिन बच्ची नहीं मिली। तलाशी के बाद जंगल में बीच बच्ची का अर्द्धनग्न शव मिला था।
सहायक जिला अभियोजन अधिकारी अमित जैन ने बताया, पुलिस वारदातस्थल पर डॉग स्क्वॉड को लेकर पहुंची थी। डॉग वारदातस्थल से करीब 7 किमी दूर आरोपी वीरेंद्र के घर के सामने पहुंचा था। संदेह पर पुलिस ने आरोपी वीरेंद्र को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो आरोपी ने जुर्म कबूल लिया था। उसने गला और मुंह दबाकर बच्ची को मारा था। वीरेंद्र का डीएनए टेस्ट कराया गया तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।
कोर्ट ने कहा- समाज की आत्मा कांप गई
मामले में कोर्ट ने टिप्पणी की कि आरोपी ने निर्दयता से बालिका को न केवल अमानवीय पीड़ा पहुंचाई, बल्कि उसके जननांग व गले को भी चोटिल किया। यह कल्पना करना मुश्किल है कि बच्ची ने कितनी पीड़ा सहन की होगी। बावजूद आरोपी को पछतावा न होना दर्शाता है, ठंडे दिमाग से कृत्य को अंजाम दिया गया।
आरोपी के कृत्य से संपूर्ण समाज की सामूहिक आत्मा कांप गई है। जनआक्रोश भी हुए। वर्तमान में जिस प्रकार अबोध बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे मामलों में प्रभावी रोकथाम के लिए आवश्यक है, आरोपियों को कठोर दंड दिया जाए। अन्यथा एक दिन दहेज जैसी कुरीतियों के समान ऐसे अपराध कन्याभ्रूण हत्याओं की नींव बनने लगेंगे।