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CM ने घोषणा कर दी लेकिन स्कूलों को स्कूल शिक्षा विभाग से कोई निर्देश नहीं…

स्कूल शिक्षा मंत्री बोले- जल्द जारी होगी गाइडलाइन

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के बाद 26 जुलाई से 11वीं और 12वीं क्लास के लिए स्कूल खुलने में अब सिर्फ 2 दिन शेष रह गए हैं, लेकिन अब तक स्कूल शिक्षा विभाग इसको लेकर कोई आदेश जारी नहीं कर सका है। इसकी वजह से जिले की क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी भी निर्णय नहीं ले पाई हैं। ऐसे में क्लास खुलने पर पेंच फंसता नजर आ रहा है। आदेश जारी नहीं होने से प्राइवेट से लेकर सरकारी स्कूल तक सभी परेशान हैं। सरकारी स्कूलों के प्रिंसिपल और निजी स्कूल संचालकों का कहना है कि आज भी आदेश जारी होते हैं, तो भी 5 दिन तैयारी के लिए चाहिए। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या CM के निर्देश पर 26 जुलाई से स्कूल खुल पाएंगे।

दूसरा मामला वैक्सीनेशन का है। स्कूल के टीचर्स सहित स्टाफ का वैक्सीनेशन अधूरा है। इसका वेरिफिकेशन भी नहीं हुआ है। यह भी संशय बढ़ा रहा है। सरकार 26 जुलाई से स्पेशल शिविर लगाने जा रही है।

इस आदेश से और असमंजस

इधर विभाग ने सभी कलेक्टर को निर्देश जारी कर स्कूल और कॉलेज के सभी शिक्षकों का 100% वैक्सीन कराने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए 26 जुलाई से 31 जुलाई तक विशेष शिविर लगाए जाएंगे। हालांकि यह शिविर कहां और कैसे होंगे, इसके बारे में स्पष्ट निर्देश नहीं दिए गए हैं। इस आदेश से और ज्यादा असमंजस की स्थिति बन गई।

हमें कम से कम पांच दिन तैयारी के लिए चाहिए
अनऐडेड एसोसिएशन के सचिव बाबू थॉमस ने बताया कि सीएम के निर्देश के बाद भी अब तक आदेश नहीं मिले हैं। सामान्य कोरोना की गाइडलाइन के अनुसार तैयारी पूरी है, लेकिन जब तक विभाग की तरफ से गाइडलाइन नहीं आती है, तब तक कुछ भी तय नहीं मान सकते। गाइडलाइन आने के बाद उसका आकलन किया जाएगा। उसके अनुसार ही तैयारी करना होगा। निजी स्कूलों के साथ ही सरकारी स्कूलों को भी आदेश का इंतजार है। उनका भी कहना है कि आदेश आने के बाद नई गाइडलाइन के साथ तैयारी करने में कम से कम 5 दिन का समय लगेगा।

इसलिए परेशानी होगी

  • बच्चों को अभिभावक की अनुमति से ही स्कूल में बैठने की अनुमति दी जाएगी। इसका मतलब बच्चों द्वारा लाए गए अनुमति पत्र की अभिभावकों से बात कर हकीकत जांचना होगा। इसमें ही कम से कम दो दिन लग जाएंगे।
  • सभी शिक्षकों का 100% वैक्सीनेशन अनिवार्य है। ऐसे में स्कूल के सभी कर्मचारियों और शिक्षकों की लिस्टिंग करना होगा।
  • एक साथ ऑनलाइन और ऑफलाइन क्लास की व्यवस्था करना होगा। इसके लिए समय तय करना पड़ेगा।
  • बच्चों को स्कूल तक आने के लिए ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था करना होगा। इसके लिए स्कूल प्रिंसिपल को हर ड्राइवर और कर्मचारी के वैक्सीन की जानकारी भी लेनी हाेगी।
  • स्कूल में बच्चों के बीमार होने की स्थिति में आपातकाल स्टाफ की अलग से व्यवस्था करने जैसे काम है।

स्कूल शिक्षा मंत्री बोले- जल्द जारी होगी गाइडलाइन
स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बताया कि विभाग ने पहले से ही स्कूल खोलने की तैयारी शुरू कर दी थी। इस दौरान स्कूल संचालकों के साथ ही स्कूल प्रिंसिपल और अभिभावकों से बातचीत की गई थी। अधिकांश लोग बच्चों के भविष्य को देखते हुए स्कूल खोले जाने के पक्ष में थे। इसी को देखते हुए हमने 26 जुलाई से स्कूल खोले जाने का निर्णय किया गया। जल्द ही गाइडलाइन जारी कर दिए जाएगी।

अभी ये निर्देश दिए गए है

  • किसी भी स्थिति में क्लास में 50% से ज्यादा बच्चे मौजूद नहीं रहेंगे।
  • जहां बच्चों के बैठने की समुचित व्यवस्था नहीं है, वहां सप्ताह में एक दिन छोटे-छोटे ग्रुप में क्लास लगाई जा सकती है।
  • बच्चों को स्कूल भेजने के लिए अभिभावकों की अनुमति जरूरी होगी।
  • स्कूल में कोरोना से निपटने के लिए सभी तरह के तरीके जैसे सैनिटाइजर, मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का होना अनिवार्य।
  • सभी शिक्षकों और कर्मचारियों का 100% वैक्सीनेशन होना अनिवार्य।
  • वैक्सीन नहीं लगवाने वाले शिक्षक बच्चों को पढ़ा नहीं सकेंगे।
  • बच्चे की तबीयत खराब होने पर उसे तत्काल अस्पताल ले जाने के साथ ही अभिभावकों को सूचना देना अनिवार्य रहेगा।

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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