बक्सवाहा के जंगलों को बचाने में सरकार की भूमिका संदिग्ध : अमित भटनागर
बक्स्वाहा के जंगल बचाने छतरपुर से बक्स्वाहा पांच दिवसीय साईकिल यात्रा आज से
छतरपुर// बक्स्वाहा जंगल बचाओ आंदोलन के प्रवक्ता अमित भटनागर ने बताया कि बक्सवाहा के जंगलों को बचाने व बक्सवाहा के जंगलों में मिले पाषाण कालीन शैल चित्रो को तुरंत संरक्षित कर इन्हें विश्व स्मारक घोषित कराने के लिए लिए 26 जुलाई से 30 जुलाई पांच दिवसीय साईकिल यात्रा निकाली जा रही है। यात्रा की रूपरेखा व कार्ययोजना हेतु 25 जुलाई को बक्स्वाहा जंगल बचाओ आंदोलन के छत्रशाल चौराहे स्थित कार्यालय में बैठक रखी गई। बैठक में अमित भटनागर ने कहा कि एक तरफ इतना समृद्ध जंगल काटा जा रहा है, जिस पर उच्च न्यायालय ने जंगल की उपयोगिता को स्वीकारते हुए पूरे जंगल को काटने पर तत्कालीन रोक लगा दी है, वहीं एनजीटी ने भी पूरे मामले में संज्ञान लेते हुए सरकार को रिपोर्ट सौंपने को कहा है, पूरे मामले में देश के पर्यावरण प्रेमी बेहद लोकतांत्रिक तरीके से प्रकिया के पालन व संवाद की बात कह रहे है तो दूसरी तरफ शासन-प्रशासन के आला अधिकारी कर्मचारी भय, हिंसा का वतावरण खड़ा कर रहे है। अमित का कहना है कि पूरे मामले में सरकार की भूमिका संदिग्ध है। बैठक में तय किया गया कि 26 जुलाई को गांधी आश्रम में गांधी जी की प्रतिमा का माल्यर्पण कर पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा जाएगा, उसके बाद छतरपुर से पड़रिया, सटई, होते हुए अमरपुरा में रात्रि विश्राम होगा, दूसरे दिन साईकिल यात्रा अमरपुरा से बिजावर, अंधयारा, रानीताल होते हुए भीमकुण्ड में रात्रिविश्राम करेगी, तीसरे चौथे व पाँचवे दिन भीमकुण्ड से बाजना होते हुए निमानी, जगारा, कसेरा, बीरमपुरा, हारदुआ, हदयपुरा, तिलई आदि हीरा खनन ग्रामों से पहुँचेगी जहाँ प्रभावित आदिवासी व अन्य वनवासियों को वनाधिकार कानून के प्रति जागरूक किया जाएगा साथ ही उनके शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार पर चर्चा व कार्ययोजना बनाई जाएंगी। आंदोलन के बहादुर आदिवासी व हिसाबी राजपूत ने बताया कि कोरोना की गाइडलाईन को देखते हुए साईकिल यात्रा में लोगों की संख्या सीमित रहेगी। साईकिल यात्रा के दौरान यात्रा के बीच पड़ने वाले ग्रामों में नुक्कड़ सभा की जाएंगी। बैठक में अमित भटनागर, शुरेश बाबू खरे, दिनेश मिश्रा, अश्विन दुबे, ब्रजेश शर्मा, शीलू अग्रवाल, रियाज खान सहित 2 दर्जन पर्यावरण प्रेमी शामिल हुए।