आत्मसाधना का समय होता है चातुर्मास, उत्साह के साथ आयोजित हुआ कलश स्थापना समारोह
बड़ामलहरा। सकल दिगम्बर जैन समाज के तत्वधान में श्रमण मुनिश्री विरंजन सागर ससंघ के चातुर्मास कलश स्थापना समारोह का आयोजन द्रोणगिरि भवन में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में प्रथम कलश शील डेवडिय़ा परिवार, दूसरा कलश पवन डेवडिया, तीसरा कलश शीलचंद्र-मालती जैन, चतुर्थ कलश अरविंदर देवेंद्र कुमार जबलपुर और पांचवा कलश शीलचंद्र जैन पनवारी वालों ने प्राप्त किया। इस मौके पर मुनिश्री को शास्त्र दान हरि आसटी, भोले असाटी, नरेंद्र आसटी, कमलेश असाटी, शीलचंद्र पनवारी, पाद प्रच्छालन का सौभाग्य गिरधारी असाटी को मिला।कलश स्थापना के अवसर पर मुनि विरंजन सागर महाराज ने कहा की चातुर्मास ऋषि-मुनि और साधुओं के लिए होता है ताकि बारिश में किसी जीव को नुकसान न पहुंचे। इस दौरान मुनि एक स्थान पर बैठ कर आत्मसाधना करते हैं। इस मौके पर सिदार्थ मलैया दमोह, मनीष जैन बकस्वाहा, रामसिया भारती, निशा-आनन्द सिंह बुंदेला, डॉ. रमेश असाटी, वीरेंद्र आसाटी, नरेंद्र दीक्षित, वीर सिंह परमार, कमलेश आसाटी, धनप्रसाद आसाटी, गिरधारी आसटी, राजकुमार सिंह चौहान, नीरज पौराणिक, भोले असाटी, थाना प्रभारी जगतपाल सिंह सहित भगवां, घुवारा, रामटौरिया, बाजना, दमोह के धर्म प्रेमी मौजद रहे।