वृक्षारोपण कर मनाया गया श्री कृष्णा विश्वविद्यालय का तृतीय स्थापना दिवस
विश्वविद्यालय कोविड से अनाथ हुये बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देगा
श्री कृष्णा विश्वविद्यालय, छतरपुर के तृतीय स्थापना दिवस पर भारतीय परंपरा के अनुसार पूजा अर्चन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया जिसमें सुंदरकाण्ड का वाचन कोविड नियमों का पालन करते हुये किया गया। हवन एवं आरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया । इस कार्यक्रम में कुलाधिपति डॉ. बृजेन्द्र सिंह गौतम, चैयरमैन डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह गौतम, कुलपति डॉ. अनिल कुमार धगट, उपकुलपति श्री गिरीश त्रिपाठी, कुलसचिव श्री विजय सिंह, उपकुलसचिव डॉ. अश्वनी कुमार दुबे के साथ प्रशासनिक एवं शैक्षणिक स्टॉफ उपस्थित रहा।
पूजन उपरांत औपचारिक कार्यक्रम सांस्कृतिक हॉल में आयोजित किया गया । जिसमें मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय संरक्षक श्रीमती कुंती सिंह गौतम उपस्थित रहीं। चैयरमेन डॉ. पुष्पेन्द्र गौतम ने घोषणा की, कि कोरोना काल में जो बच्चे अनाथ हुये है अर्थात जिन बच्चों ने अपने माता एवं पिता दोनों को कोविड से खोया है उन्हें श्री कृष्णा विश्वविद्यालय द्वारा मुफ्त शिक्षा प्रदान की जायेगी साथ ही उन्होंने सभी स्टॉफ को संकल्प दिलाया कि विश्वविद्यालय का प्रत्येक स्टॉफ अपने जन्मदिन एवं सालगिरह पर एक-एक पौधा रोपित करेगें। जिससे स्टॉफ एवं छात्र-छात्राओं के बीच पर्यावरण संरक्षण का सकारात्मक संदेश समाज को जायेगा। पौधा, ट्रीगार्ड विश्वविद्यालय द्वारा उपलब्ध कराया जायेगा। रोपित किये गये पौधों को संरक्षित करने की जिम्मेदारी स्टॉफ की स्वयं की होगी। डॉ. बृजेन्द्र सिंह गौतम ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमें विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियों के साथ सांस्कृतिक, साहित्यिक एवं पर्यावरणीय गतिविधियों पर ध्यान देने की आवश्यकता है जिससे विश्वविद्यालय से सकारात्मक संदेश दिया जा सके। कुलपति डॉ. अनिल कुमार धगट ने बताया कि प्रबंधन की विश्वविद्यालय संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसको ध्यान में रखते हुये हमें कोविड काल में छात्र-छात्राओं की शैक्षणिक एवं परीक्षा व्यवस्था को किस प्रकार से संचालित किया जाये की रूपरेखा तैयार करनी होगी। उपकुलपति श्री गिरीश त्रिपाठी ने नवीन शिक्षा प्रणाली द्वारा दिये गये निर्देशों को इसी सत्र से पालन करने के लिए प्राध्यापकों से अपने पाठ्यक्रम की पूर्ण तैयारी करने की बात कही। कुलसचिव श्री विजय सिंह ने विश्वविद्यालयीन गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुये कहा कि यह बुंदेलखण्ड का उत्कृष्ट विश्वविद्यालय है जो लगातार शैक्षणिक गतिविधियों में अग्रणी है। इस विश्वविद्यालय में विभिन्न संकायों में शैक्षणिक कार्य, कौशल विकास से संबंधित रोजगारोउन्मुखी पाठ्यक्रम के साथ-साथ प्रमुख विषयों में शोध कार्य संचालित है। सुसज्जित प्रयोगशाला एवं पुस्तकालय तथा मूट कोर्ट विश्वविद्यालय को अलग पहचान प्रदान करता है। विश्वविद्यालय के प्रथम सत्र से ही बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने प्रवेश लिया। उत्कृष्ट शैक्षणिक कार्य होने के परिणामस्वरूप वर्तमान सत्र में यह छात्र संख्या उत्तरोत्तर बढ़ रही है। विश्वविद्यालय का परीक्षा परिणाम सर्वोपरि रहता है एवं छात्र-छात्राऐं विभिन्न प्रकार की सांस्कृतिक, खेल कूद एवं अन्य प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर अपना स्थान बनाते हैं ।
छात्र-छात्राओं को पर्यावरण के प्रति रूचि पैदा करने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय प्रबंधन एवं प्रशासन द्वारा समय-समय पर वृक्षारोपण कराया जाता है। इसी दौरान आज स्थापना दिवस पर वृक्षारोपण किया गया। जिसमें फलदार वृक्ष जैसे – आम, आंवला, नींबू, मीठीनीम, करौंदा, एवं महुआ, कदम, नीम, पीपल तथा बरगद के वृक्ष कैम्पस में रोपित किये गये।
रोजगार, शैक्षणिक गतिविधियों एवं पर्यावरण संरक्षण हेतु विश्वविद्यालय द्वारा संस्थाओं के साथ करार किये जाते हैं। इस सत्र में वृद्धि आर्गनिक एग्रो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, मथुरा, प्राणी शास्त्र विभाग, शासकीय कन्या महाविद्यालय सागर, शासकीय महाराजा स्नातकोत्तर महाविद्यालय छतरपुर, यूनिटी ऑफ नेशन फॉर क्लाइमेट चेंज काउंसिल गुजरात द्वारा करार किया गया है।
स्थापना दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय के समस्त प्राध्यापक एवं प्रशासनिक अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।