असामाजिक तत्वों के द्वारा गौशाला से की जा रही है पशु गायों की तस्करी
जैन समाज के लोगों ने कलेक्टर के नाम अपर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
छतरपुर– जिले में लगभग 180 गौशालाएं बनाई जा रही हैं। जिसमें से ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 29 गौशालाएं पूर्णरूप से तैयार हो गई हैं। वहीं छतरपुर शहर में लगभग 4 से 5 गौशालाएं संचालित हो रही हैं लगभग एक दर्जन से ज्यादा गौशालाओं को पशु विभाग द्वारा शासन से मिलने वाला अनुदान राशि भी दी जा रही है। छतरपुर शहर से लगी ग्राम सरानी में दयाउदय पशु संवर्धन केन्द्र एवं पर्यावरणसंस्थान के द्वारा एक गौशाला को संचालित किया जा रहा है। इस गौशाला में हमेशा 100 से 140 पशु हमेशा रहते हैं। इस गौशाला का संचालन जैन समाज के द्वारा संचालित किया जा रहा है। समाज के लोग गौशाला को संचालित करने के लिए चंदा इक_ा कर प्रतिमाह इसमें होने वाले खर्च का वाहन करते हैं। परंतु अभी हाल ही में जैन समाज के लोागें के द्वारा एक आवेदन छतरपुर कलेक्टर के नाम पर अपर कलेक्टर को दिया गया है। आवेदन में उल्लेख किया गया है कि असामाजिक तत्वों के द्वारा गौशाला में रात को गौवंशों की संख्या अचानक बढ़ जाती है और रातों ही रात गौवंश की संख्या घट जाती है। जैन समाज के लोगों का आरोप है कि कुछ असामाजिक तत्व के लोग गौवंश की तस्करी कर रहे हैं। उन्होंने आवेदन में उल्लेख किया है कि गौशाला के पास शासकीय जमीन पर कुछ असामाजिक तत्वों के द्वारा अतिक्रमण कर मकान बना रखा है और ऐसे लोग भी गौशाला से पशु तस्करी करने का काम कर रहे हैं। इस संबंध में जैन समाज के अध्यक्ष जयकुमार जैन , अरविंद बडकुल, प्रकाशचंद जैन के द्वारा अपर कलेक्टर से यह मांग रखी है कि उन्हें पुलिस सहायता उपलब्ध कराई जाए इसके अलावा गौशाला के पास जिन असामाजिक तत्वों के द्वारा मकान बना लिए हैं उन्हें हटाया जाए ताकि हम सभी जैनसमाज के लोग गौ सेवा कर सकें। जैन समाज के लोगों का कहना है कि हम सेवा कर सकते हैं गुंडे असामाजिक तत्वों से लड़ाई नहीं कर सकते। गौरतलब हो कि इस गौशाला को मनरेगा के तहत पशु शेड बनाने के लिए लगभग 20 लाख रुपए की राशि जारी की गई थी और शहर क एक मात्र गौशाला है जिसमें सबसे ज्यादा पशु कापालन किया जा रहा है। अपर कलेक्टर रामाधर अग्रिवंशी ने ज्ञापन की एक प्रति पुलिस अधीक्षक छतरपुर एवं छतरपुर एसडीएम को तत्काल भिजवाई।