संयुक्त मोर्चा की हड़ताल तोड़ने शासन ने जारी किया नोटिस, 17 संगठनों के 12 सौ कर्मचारियों को जारी हुआ कारण बताओ नोटिस
दमोह । 22 जुलाई से अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे 17 संगठनों के 12 सौ से ज्यादा कर्मचारियों पर शासन ने अब अपनी नजर टेढ़ी कर ली है। माना जाता है प्रदेश स्तर पर चल रही इस हड़ताल में 70 हजार कर्मचारी हड़ताल पर है। हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों के दिन बढ़ने के साथ ही शिवराज सरकार की सांसें भी फूलने लगी हैं। सरकार कर्मचारियों की मांग मनाने के अलावा हर सम्भव कोशिश कर रही है कि हड़ताल खत्म हो जाए। शायद यही कारण था कि संयुक्त मोर्चे के एक घटक ने हड़ताल खत्म करने का एलान किया तो वहीं दूसरे ने हड़ताल जारी रखने का फरमान भी जारी किया। हड़ताल खत्म होते न देख अब सरकार विभिन्न मांगों को लेकर बैठे हड़ताली कर्मचारियों पर प्रशासनिक दबाब बनाने का प्रयास कर रही है। इसी क्रम में जिले के सभी जनपद सीईओ ने अपने कर्मचारियों को बिना बताए अनुपस्थित रहने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया है। जिसके बाद हड़ताली कर्मचारी आक्रोशित हो उठे है। संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों का कहना है कि इस सम्बंध में पहले ही जिला कलेक्टर से लेकर जनपद सीईओ तक ज्ञापन सौंपा जा चुका है जिसमें स्पष्ट लेख है कि मांगे पूरी नही होने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी। सरकार इस हड़ताल को तोड़ना चाहती है जिसके चलते हड़ताली कर्मचारियों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं। लेकिन हम अपनी मांगों को लेकर मैदान में डटे रहेंगे। सभी जनपद सीईओ ने अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा , सहायक लेखाधिकारी जनपद / मनरेगा लेखापाल जनपद , उपयंत्री समस्त , लाक समन्वयक एसबीएम / पीएमएवाय , मनरेगा स्टाफ समस्त , ग्राम पंचायत सचिव समस्त , ग्राम रोजगार सहायक समस्त ,एस.आर.एल.एम स्टाफ समस्त , जनपद पंचायत लिपिक वर्गीय / चतुर्थ श्रेणी समस्त स्टाफ , डाटा एन्ट्री ऑपरेटर समस्त को कार्यलय में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने को कहा है। जिसके बाद संयुक्त मोर्चा ने निर्णय लिया है कि न तो कोई कर्मचारी इस नोटिस का जबाब देगा और न ही कार्यालय में उपथित होगा।