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महिला बंदी वार्ड में पुरूष अधिकारी को जाने की अनुमति नहीं होती है. जानिए../म.प्र. जेल नियम 1968…

कारागार अधिनियम,1894 की धारा 59 के अनुसार राज्य सरकार को यह शक्ति प्राप्त है कि वह अपने अनुसार जेल नियम बना सकते हैं। इसी शक्ति का प्रयोग करते हुए मध्यप्रदेश शासन ने म. प्र.जेल नियम,1968 बनाया। इस नियम में भाग- 19 एवं नियमो की संख्या 926 निर्धारित की गई थी जो बहुत से खण्डों में विभाजित हैं। आज हम बात करते हैं नियम क्रमांक  407 एवं 409 की जो महिला कैदियों से सम्बंधित हैं जानिए।


*मध्यप्रदेश जेल नियम,1968 के नियम क्रमांक 407 की परिभाषा:-*जेल के महिला वार्ड में हमेशा महिला नर्स (मैट्रन) या महिला वार्डन के प्रभार में रहेगा। अगर किसी कारण प्रभारी महिला छुट्टी पर होगी तब ऐसे कैदी महिला जो सदाचारी हो एवं जिसने दण्ड की कम से कम एक-तिहाई कारावास काट ली हो वह इस हैसियत से प्रभार संभाल सकती है।


*मध्यप्रदेश जेल नियम,1968 नियम क्रमांक 409 की परिभाषा:
कोई भी पुरूष अधिकारी किसी भी काम से चाहे वह सफाई कर्मचारी हो,चिकित्सक हो या न हो तब बिना उप जेल अधीक्षक साथ प्रवेश नहीं कर सकता है। अगर कोई पुरूष अधिकारी उप जेल अधीक्षक के साथ प्रवेश करता है तब दिनों महिला वार्ड में साथ-साथ रहेंगे। एवं नियम क्रमांक 410 के अनुसार महिला कैदी अपने वार्ड से बिना अनुमति के बाहर नहीं जा सकती है। 


अर्थात कोई व्यक्ति या पुरुष अधिकारी उपर्युक्त नियम का उल्लंघन करता है तब उपर्युक्त नियम क्रमांक का उल्लंघन के लिए उस अधिकारी पर उचित कार्यवाही हो सकती है।


:- लेखक बी. आर. अहिरवार(पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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