भय धमकी के माहौल के बावजूद हीरा खनन प्रभावित गांवों में जारी है साईकिल यात्रा
कंपनी समर्थित धमकी दे कर रहे साईकिल पंचर, ग्रामीण कर रहे साईकिल यात्रा का स्वागत
छतरपुर// बक्स्वाहा के जंगल को कटने से बचाने व बक्सवाहा के जंगलों में मिले पाषाण कालीन शैल चित्रो को तुरंत संरक्षित कर इन्हें विश्व स्मारक घोषित कराने के लिए लिए बक्स्वाहा जंगल बचाओ आंदोलन के बैनर तले छतरपुर से बक्स्वाहा तक पांच दिवसीय साईकिल यात्रा को हीरा खनन प्रभावित गांव में विरोध और स्वागत दोनों का सामना करना पड़ रहा है। बक्स्वाहा जंगल बचाओ आंदोलन के प्रवक्ता अमित भटनागर ने बताया कि हीरा खनन प्रभावित गांव कसेरा, शाहपुरा, बीरमपुरा, तेईयामार, कसेरा में अधिकतर लोग यात्रा का स्वागत कर रहे हैं और जंगल को बचाने के पक्ष में खड़े है, वही कंपनी समर्थित कुछ लोग काले झंडे दिखा रहे हैं।
अमित का कहना है कि साईकिल यात्रा को काले झंडे दिखाना, विरोध करना उनका अधिकार है, पर साईकिल की हवा निकालना, उन्हें पंचर करना, लोगों को धमकी देना, अभद्रता मारपीट पर उतारू होना गलत है। अमित भटनागर के नेतृत्व व शरद सिंह कुमरे के मार्गदर्शन में साईकिल यात्रा चौथे दिन शाहपुरा, तेईयामार पहुँची जहाँ ग्रामीणों ने साइकिल यात्रा का जोरदार स्वागत किया साइकिल यात्रियों को तिलक लगाकर उनके साथ जंगल को बचाने व हीरे नहीं हरियाली चाहिए के जोरदार नारे लगाए इसके उपरांत इन गांवों में वृक्षारोपण भी किया गया। ग्रामीणों ने जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी। ग्रमीणों ने कहा कि जंगल हमारा जीवन है हम जंगल को नहीं कटने देंगे।
शाहपुरा से बक्स्वाहा जाते समय विरमपुरा के पास कुछ कंपनी समर्पित लोगों ने साईकिल यात्रियों को बीच में बातचीत के लिए रोका व उनकी साईकिलों की हवा निकालने और धमकी देने लगे, और यात्रियों को बत्तमीजी और धमकी देने का प्रयास करते हुए करते हुए निकल गए। साईकिल यात्रा का नेतृत्व कर रहे अमित भटनागर व शरद कुमरे ने उक्त घटना की निंदा करते हुए कहा कि इस तरह से शरारती तत्व असामाजिक गतिविधियां उन्हें अपने पर्यावरण को बचाने के लक्ष्य से न तो डरा, धमका सकते है ना ही भटका सकते है। गैर तलब है कि कल निमानी ग्राम में साईकिल यात्रियों व कंपनी समर्थित लोगों के बीच में तीखी झड़प व नारेबाजी हुई थी कंपनी सबसे कुछ लोगों ने साइकिल यात्रियों की साईकिलों को पंचर कर दिया था।
निमानी गांव के आदिवासी पुरवा में साईकिल यात्रा का जोरदार स्वागत हुआ था, जंगल को बचाने की शपथ निमानी गांव के लोगों द्वारा ली गई थी। साईकिल यात्रा के चौथे दिन अमित भटनागर, भोपाल के शरद सिंह कुमरे, सामाजिक कार्यकर्ता राजेश यादव, बिहार से पर्यावरण बचाओ अभियान के कोर कमेटी सदस्य चंदन यादव, जबलपुर के नीसू मालवीय, इंदौर के बीनू बघेल, धार से सुनीता कलमे, धार के आयुष रावत एवं बकस्वाहा जंगल बचाओ आंदोलन छतरपुर के प्रमुख सदस्य बहादुर आदिवासी, भगतराम तिवारी, अलकेश आदिवासी, हिसबी राजपूत, बब्लू कुशवाहा, बालादीन पटेल, देवीदीन कुशवाह, देशराज आदिवासी, देबेन्द्र आदिवासी, जगदीश कुशवाह, दुलीचंद आदिवासी, रवि आदिवासी, जगदीश कुशवाहा, राहुल अहिरवार, फूलचंद आदिवासी सहित दो दर्जन साईकिल यात्री सहभागी रहे।