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भोपाल में मंत्री और सांसद को दुखड़ा सुनाकर लौटा अंशुल का परिवार, अनुकम्पा नियुक्ति के लिए अब भी परेशान

छतरपुर। लवकुशनगर क्षेत्र के ग्राम परसनियां का रहने वाला अंशुल गौड़ 6 साल पहले आगजनी के कारण मौत की शिकार हुईं अपनी मां की अनुकम्पा नियुक्ति पाने के लिए अब भी दर-दर की ठोकरें खा रहा है। एक गंभीर बीमारी के शिकार अंशुल को चलने-फिरने और खड़े होने में भी समस्या होती है। मां-बाप के गुजरने के बाद उसकी पत्नि और दो बहिनें उसी पर आश्रित हैं। इसके बावजूद उसे अनुकम्पा नियुक्ति दिए जाने में शिक्षा विभाग को तमाम तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं। अंशुल गौड़ ने बताया कि विगत रोज वह भोपाल में क्षेत्रीय सांसद वीडी शर्मा, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं शिक्षा मंत्री के आवास पर उनसे मिलने गया था। यहां उसकी मुलाकात तो नहीं हुई लेकिन अपने आवेदन सौंपकर फिर लौट आया। चलने में हो रही दिक्कतों के कारण अंशुल की पत्नि को ही उसे गोद में लेकर एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने पड़ता है। अंशुल ने एक बार फिर छतरपुर आकर गुहार लगाई है कि उसे मां की नौकरी दी जाए। 

इसलिए आ रहीं दिक्कतें

इस मामले में शिक्षा विभाग द्वारा अंशुल को अनुकम्पा नियुक्ति नहीं दिए जाने के पीछे कई कारण बताए गए हैं। शिक्षा विभाग का  कहना है कि अंशुल की मां 6 साल पहले जब दिवंगत हुईं तब वे संविदा शिक्षक थीं। इसलिए उनकी अनुकम्पा नियुक्ति का प्रावधान नहीं है। इस मामले में अंशुल को एकमुश्त एक लाख रूपए की राशि उपलब्ध कराई जा चुकी है। उधर अंशुल उक्त दोनों आरोपों को दस्तावेजों के साथ खारिज करता है। अंशुल का कहना है कि उसकी मां अध्यापक रहते हुए मौत की शिकार हुई थीं उसने अनुग्रह राशि भी प्राप्त नहीं की है। अंशुल के मुताबिक प्रावधान के तहत उसे प्रयोगशाला शिक्षक के रूप में नियुक्ति दी जा सकती है लेकिन विभाग आनाकानी कर रहा है। इस संबंध में सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि सांसद वीडी शर्मा के पास यह मामला पहुंच गया है। उन्होंने इस मामले का निदान करने की बात कही है। 

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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