मप्र में बाढ़ ने मचाई तबाही, साढ़े 9 हजार लोग बचाए गए
भोपाल। मध्य प्रदेश में भारी बारिश से उपजी बाढ़ भारी तबाही लेकर आई है। ग्वालियर-चंबल अंचल में बाढ़ ने बड़ा नुकसान पहुंचाया है। पानी पुल को बहा ले गया है तो सड़क से लेकर रेल मार्ग तक बाधित हुआ है। पानी से कई गांव अब भी घिरे हुए हैं। राहत और बचाव काम में सेना की मदद ली जा रही है, अब तक लगभग साढ़े नौ हजार लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। राज्य में हुई अतिवृष्टि और बाढ़ से शिवपुरी, श्योपुर, दतिया, ग्वालियर, गुना, भिंड और मुरैना जिलों के कुल 1225 ग्राम प्रभावित हुए हैं। इन इलाकों में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालना चुनौती बना हुआ है। राहत और बचाव कार्य में सेना की मदद ली जा रही है। हेलीकॉप्टर की मदद से पानी के बीच फंसे लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया है, अब तक श्योपुर जिले के 32 गांवों से 1500 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। इसी प्रकार शिवपुरी के 90 गांवों से 2000 और दतिया, ग्वालियर, मुरैना, भिंड के 240 गांवों से एसडीईआरएफ, एनडीईआरएफ, आर्मी तथा बीएसएफ ने मिलकर लगभग 5,950 लोगों को सुरक्षित निकालने में सफलता प्राप्त की है। वहीं 1950 लोगों को निकालने के प्रयास जारी हैं। खराब मौसम के कारण कल एयर फोर्स के हेलीकॉप्टर को बचाव कार्य में कठिनाई आ रही थी। आज फिर हेलीकॉप्टरों ने बचाव कार्य शुरू किया है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि शिवपुरी और श्योपुर में कल तक ही लगभग 800 मिली मीटर बारिश हो चुकी है। यह अप्रत्याशित स्थिति है। श्योपुर जिले में संचार व्यवस्था पूरी तरह से ठप्प हो चुकी है। दूर संचार मंत्रालय से बात कर व्यवस्थाएं पुन: स्थापित करने के प्रयास किये जा रहे हैं। गुना-शिवपुरी के बीच रेल सेवा बंद है। अधोसंरचना को बहुत नुकसान पहुंचा है, पर राहत की बात यह है कि बचाव कार्य निरंतर जारी है। प्रभावितों की जिन्दगी बचाने में हमें सफलता मिली है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि एनडीईआरएफ की तीन टीमें पहले से बचाव कार्य में लगी थीं, दो टीमें और आ रही हैं। आर्मी के चार कॉलम और एसडीईआरएफ की 70 से अधिक टीमें जिला प्रशासन के साथ बचाव कार्य में लगी हुई हैं। अब तक एयरफोर्स के चार हेलीकॉप्टर ग्वालियर में और एक शिवपुरी में बचाव कार्य में लगा हुआ है।
मुख्यमंत्री चौहान ने बुधवार को हवाई दौरा कर ग्वालियर एवं चंबल संभाग में बाढ़ से प्रभावित चार दर्जन से अधिक गांवों का जायजा लिया। इसके बाद ग्वालियर विमानतल पर वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी ली।