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चैक डैमों की जांच के नाम पर खानापूर्ति: गठित दल ने की लीपापोती, पहली ही बरसात में धरासायी हो गये डैम, निष्पक्ष जांच पर उठ रहे सवाल

रामबाबू पाल, गौरिहार

छतरपुर। गौरिहार/ जिले में मनरेगा योजना से 400 से अधिक चैक डैमों का निर्माण करवाया गया। करोड़ो रुपयों की लागत से बने इन चैक डैमों में हुये घोटाले व गुणवत्ता पर उठे सवालों और शिकायतों के बाद मप्र शासन के पंचायत राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल द्वारा जांच टीम गठित की गई थी लेकिन टीम ने जांच का जिम्मा पूरा नही किया। इतने बड़े घोटाले की खामियों को छिपाने के लिये आनन-फानन में जिपं कार्यालय द्वारा एक टीम का गठन किया गया लेकिन इस टीम ने भी अपना ढुलमुल रवैया अपनाते हुये जांच को ठंडे बस्ते में डाल दिया।

निर्माण कार्यो का सत्यापन करने वालों को बना दिया जांचकर्ता

जिला पंचायत सीईओ अमर बहादुर सिंह ने जिले के 8 जनपदों में बने 400 से अधिक चैक डैमों की गुणवत्ता की जांच के लिये एक टीम गठित की थी जिसको 24 जुलाई तक जांच पूरी कर अपनी रिपोर्ट कार्यालय को भेजनी थी। जिपं सीईओ ने उन अधिकारियों को जांच का जिम्मा दिया जो इन निर्माणों में सत्यापन का कार्य कर चुके है। आपदा प्रबंधन समिति के सदस्य व जल मित्र महेश द्विवेदी ने टीम का गठन करने वालों पर सवाल खड़े करते हुये बताया कि सत्यापन करने वालों को इतने बडे घोटाले की जांच का जिम्मा दिया गया है जो सरासर गलत है। आंख मूंद कर सत्यापन करने वालों के भले ही जनपद क्षेत्र बदल दिये गये हो किन्तु वे एक दूसरे को बचाने का काम कर गये।

इन्हें बनाया जांचकर्ता

जाँच में सहायक यंत्री जनपद नौगांव में पुरुषोत्तम शुक्ला, छतरपुर में ओ पी द्विवेदी, बकस्वाहा में के एस खरे, बिजावर में डी के भंडारी, बड़ामलहरा में एम एल अहिरवार, राजनगर में एस के त्रिपाठी, लवकुशनगर में बी के नायक व गौरिहार में बी के रिछारिया है। बिडम्बना देखिये 400 से अधिक चैक डैमों की गुणवत्ता परखने का जिम्मा उन्हीं हाथों को मिला है जिनके द्वारा भौतिक सत्यापन किया है। जिले भर में बने 400 से अधिक चैक डैमों की परख सात दिवस में की जाना थी जो संभव ही नही था। कुल मिलाकर कागजी खानापूर्ति कर मामले को जिले में बैठे आला अधिकारियों ने दबाने के लिये उक्त टीम का गठन किया था।

राजस्व अमले के बिना निजी भूमि में बने चैक डैमों की नही हुई परख

जल मित्र महेश द्विवेदी ने बताया कि गौरिहार जनपद सहित जिले भर में कई चैक डैम निजी भूमि में बना दिये गये है। जो कि नियम विरुद्ध है जिनकी जांच राजस्व अमले को साथ में लेकर होनी चाहिये। लेकिन जिले में टीम गठित करते वक्त इस बात पर गौर न करते हुये जानबूझकर राजस्व अमले को टीम में सामिल नही किया गया ताकि बड़े गड़बड़झाले की परतें न खुल सके।
गौरिहार जनपद की ग्राम पंचायत चितहरी के उपसरपंच अमर सिंह ने बताया कि हमारी पंचायत में निर्माण एजेंसी द्वारा निजी भूमि पर ठेके से चैक डैमों का निर्माण करवा डाला। ग्राम के ही जगतदेव पांडेय व राजेश द्विवेदी की भूमि में उक्त चैक डैमों का निर्माण हुआ है। लेकिन जिले से गठित टीम एक बार भी जांच करने नही आई।

कार्रवाई के बदले बना दिया जांच अधिकारी

गौरिहार जनपद में पदस्थ सहायक यंत्री व्ही के नायक द्वारा की जा रही गड़बडियों के कारण कलेक्टर ने कमिश्नर को कार्रवाई हेतु अपनी रिपोर्ट भेजी थी लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नही हुई। कार्रवाई तो दूर सहायक यंत्री को बतौर जनपद पंचायत लवकुशनगर क्षेत्र में बने चैक डैमों का जांच अधिकारी बना कर उपकृत कर दिया गया। इसी जनपद की एक ग्राम पंचायत में पहली बरसात में धरासायी हुये चैक डैम की जांच करने पहुँचे सहायक यंत्री ने निर्माण एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव बनाने की बजाय मरम्मत कराने की सलाह देकर वापस लौट आये।

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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