अच्छी खबर: जिला अस्पताल में 850 एलपीएम ऑक्सीजन प्लांट की हुई टेस्टिंग, आज से वार्डों में शुरू होगी सप्लाई
जिला अस्पताल परिसर में एक माह पहले 850 लीटर प्रति मिनट क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट ठेकेदार ने फिट तो कर दिया। पर नए अस्पताल भवन में सप्लाई लाइन की फिटिंग के साथ सॉफ्टवेयर इंजीनियर न आने के कारण बंद पड़ा था। मंगलवार की दोपहर पुणे महाराष्ट्र के इंजीनियर जिला अस्पताल पहुंचे और उन्होंने लाइन की फिटिंग कराते हुए प्लांट की टेस्टिंग शुरू कर दी। इंजीनियर का कहना है कि 24 घंटे तक इसकी टेस्टिंग की जाएगी और इसके बाद सप्लाई शुरू हो जाएगी।
बता दें कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान खजुराहो सांसद व जिला कोविड प्रभारी की अनुशंसा पर केंद्र सरकार द्वारा जिला अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों को ऑक्सीजन चढ़ाने के लिए 1500 एलपीएम क्षमता वाला प्लांट स्वीकृत किया गया। कुछ दिनों बाद केंद्र सरकार ने इसे 850 एलपीएम में बदल दिया।
जिले में ऑक्सीजन की कमी को दिखते हुए पिछले माह केंद्र सरकार ने ऑक्सीजन प्लांट भेजते हुए अस्पताल परिसर में फिट करा दिया। पर प्लांट से नए अस्पताल भवन तक ऑक्सीजन सप्लाई की लाइन न डाले जाने से टेस्टिंग का कार्य खटाई में पड़ा रहा।
मंगलवार को पुणे महाराष्ट्र से इंजीनियर आने की जानकारी लगने पर दो दिन पहले अस्पताल प्रबंधन ने प्लांट से नए अस्पताल भवन तक पाइप लाइन डलवाते हुए फिटिंग कराई। यहां आने के बाद पुणे के इंजीनियर ने इस प्लांट का ऑनलाइन सॉफ्टवेयर लोड किया और शाम के समय टेस्टिंग शुरू कर दी।
इंजीनियर ने बताया 24 घंटे तक इस प्लांट की टेस्टिंग की जाएगी और इसके बाद अस्पताल के एसएनसीयू, ट्रोमा, मेल, फीमेल, सर्जिकल, बच्चा व प्रसूति वार्ड में ऑक्सीजन सप्लाई शुरू कर दी जाएगी। इस प्लांट को चालू रखने के लिए बिजली की लगातार सप्लाई रहना जरूरी है।
टंकी फुल होने पर ऑटो कट हो जाता है प्लांट
स्वास्थ्य विभाग के सब इंजीनियर अंशुल खरे ने बताया कि यह प्लांट एक मिनट में 850 लीटर ऑक्सीजन बनाएगा। यदि अस्पताल के वार्डों में इससे कम ऑक्सीजन की सप्लाई होती है और टंकी फुल हो जाती है तो प्लांट आपने आप ही ऑटो कट होकर बंद हो जाएगा।
जैसे ही टंकी में ऑक्सीजन कम होने लगेगी आपने आप ही प्लांट चालू हो जाएगा। यदि प्लांट के सॉफ्टवेयर में समस्या आती है तो पुणे से इसे ऑपरेट कर ठीक कर दिया जाएगा। इस प्लांट की देखरेख के लिए एक कर्मचारी की 25 घंटे ड्यूटी लगाई जाएगी।
सिलेंडर में ऑक्सीजन भरने की प्लांट में है सुविधा
इस प्लांट में ऑक्सीजन सिलेंडर भर कर रखने की भी सुविधा मौजूद है। यदि वार्डों में ऑक्सीजन की सप्लाई कम होती है तो अस्पताल प्रबंधन इस प्लांट से सिलेंडर भरकर रख सकता है। स्टोर प्रभारी बृजेश त्रिपाठी ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन के पास 140 जंबो सिलेंडर उपलब्ध है, जिसमें प्रति सिलेंडर 7 हजार लीटर ऑक्सीजन स्टोर करने की क्षमता है।
इसी प्रकार 180 छोटे सिलेंडर उपलब्ध हैं, जिसमें प्रति सिलेंडर 25 सौ लीटर ऑक्सीजन स्टोर की क्षमता है। वर्तमान में मरीज कम हैं, इसलिए प्लांट शुरू होते ही इन सिलेंडरों में ऑक्सीजन स्टोर कर रख ली जाएगी। ताकि जरूरत पड़ने पर इसे इस्तेमाल किया जा सके।