विचाराधीन कैदी के परिजनों ने बमीठा टीआई पर लगाया मारपीट करने का आरोप, परिजनों ने की न्यायिक जांच और दोषियों पर सख्त कार्यवाही की मांग
307 के विचाराधीन कैदी सर्वेश खटीक की सागर मेडिकल कॉलेज में मौत
छतरपुर। छतरपुर जेल में बंद 307 के मुलजिम सर्वेश खटीक की बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में मौत होने के बाद आज छतरपुर पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बाहर परिजनों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पुलिस अभिरक्षा में की गई मारपीट का हवाला देकर यह आरोप लगाया है कि बमीठा टीआई संदीप दीक्षित एवं आरक्षक प्रभात के द्वारा सर्वेश खटीक के साथ थाने में अमानवीय व्यवहार किया गया और मारपीट की गई। जिसके कारण उसकी मौत हुई है। आज झमटुली गांव के सैकड़ों लोग आए और उन्होंने पुलिस अधीक्षक छतरपुर एवं डीआईजी छतरपुर को एक ज्ञापन देकर दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही किए जाने की माग की है। गौरतलब हो कि कोरोना काल के समय झमटुली में दुकानदारों और 100 डायल के पुलिस आरक्षकों के बीच मारपीट का मामला सामने आया था। उसी समय पुलिस ने सर्वेश खटीक पर 307 का मामला दर्ज कर उसे 5 जून को जेल में भेजा था। जेल में जाने के बाद से ही सर्वेश की तबियत खराब हो गई थी।
जेलर ने सर्वेश को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया जहां डाक्टरों ने कुछ इलाज कर उसे वापस 11 जून को जेल वापस भेज दिया था। इसके बाद सर्वेश की फिर तबियत खराब हुई और 8 अगस्त को जिला चिकित्सालय में जांच हेतु भेजा गया जहां डाक्टरों ने उसे सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया। मजेदार बात ये है कि परिजनों को इसकी सूचना भी नहीं दी गई। उसके बाद कल अचानक सर्वेश की मौत हो गई और मौत का कारण अभी अज्ञात बताया जा रहा है। परिवारवालों का कहना है कि पुलिस और प्रशासन के द्वारा यह सूचना सरपंच के द्वारा भिजवाई गई। जबकि यह सूचना पुलिस और प्रशासन को तत्काल देना चाहिए।
परिवार वालों ने यह भी आरोप लगाया है कि बाजार बंद को लेकर हुई घटना में गांव के एक दर्जन से ज्यादा लोग शामिल थे परंतु सर्वेश खटीक के ऊपर ही 307 का मुकदमा दर्ज किया गया। सर्वेश के भाईयों ने पुलिस के ऊपर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि टीआई संदीप दीक्षित और आरक्षक प्रभात के द्वारा सर्वेश के साथ थाने में बेरहमी से मारपीट की गई थी। परिवार वालों को थाने में मिलने भी नहीं दिया गया था। जब हालत बिगडऩे लगी तो उसे जेल भेज दिया था। परिवार वालों ने इस मामले में दोषी लोगों के ऊपर हत्या का प्रकरण दर्ज किए जाने की मांग की है। अब देखना है कि पुलिस के ऊपर न्यायिक कार्यवाही क्या होती है। हालांकि घटना की जानकारी मिलने के बाद छतरपुर पुलिस कप्तान ने तीनों थानों के टीआई के साथ भारी पुलिस बल बुला रखा था। जब तक कि शव सागर से छतरपुर तक आ नहीं गया पुलिस को ऐसी जानकारी मिली थी कि परिवार के लोग आकाशवाणी चौराहे पर शव रखकर चक्काजाम कर सकते हैं। इसलिए पुलिस ने आज पूरे शहर में चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात कर रखी थी। हालांकि इस संबंध में सीएम हेल्प लाइन और गृह मंत्री के पास शिकायत पहुंच चुकी है। टीकमगढ़ सांसद वीरेन्द्र खटीक एवं जतारा के विधायक हरीशंकर खटीक के यहां भी इसकी सूचना दे दी गई है। अब देखना है कि भाजपा के शासन काल में इस खटीक परिवार को न्याय मिल पाता है कि नहीं।