सपाक्स ने काली पट्टी बांधकर किया एससीएसटी एक्ट का विरोध, प्रधानमंत्री को भेजा ज्ञापन, अधिनियम के दुरूपयोग का लगाया आरोप
छतरपुर। सपाक्स ने अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 की उन उत्पीड़क धाराओं का काली पट्टी बांधकर विरोध किया है जिनके कारण बेगुनाह प्रताडि़त होते हैं। सपाक्स ने एससीएसटी एक्ट के दुरूपयोग किए जाने का आरोप लगाते हुए जिला प्रशासन के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजकर समाज को बांटने वाले जातिवादी कानूनों को समाप्त करने की मांग की है। सपाक्स के जिलाध्यक्ष प्रशांत कुमार शर्मा के नेतृत्व में काली पट्टी बांधकर कार्यकर्ताओं ने कलेक्टे्रट के सामने अपना विरोध प्रकट किया। सपाक्स का कहना है कि संविधान की मूल भावना विधि के समक्ष समानता के सिद्धांत का अनुशरण करते हुए एससीएसटी एक्ट को समाप्त किया जाए। एट्रोसिटी एक्ट की चार धाराएं समाज के अन्य वर्गों को प्रताडि़त करने के लिए उपयोग में लायी जाती हैं। धारा 18, 18क, 18ख एवं धारा 19 प्रताडऩा के लिए अक्सर उपयोग की जाती है। नैसॢगक न्याय के विरूद्ध इन धाराओं का उपयोग करने से लोगों में विपरीत प्रभाव पड़ता है। सपाक्स पार्टी किसी व्यक्ति या वर्ग का विरोध नहीं करती। वरन् नागरिकों को समान रूप से कानूनी संरक्षण दिलाने की वकालत करती है। यदि जातिवादी कानूनों को समाप्त नहीं किया गया तो सपाक्स पार्टी आंदोलन के लिए बाध्य होगी। इस मौके पर सपाक्स के प्रांतीय प्रवक्ता रामलाल गौतम, प्रदेश सहसचिव जेपी शुक्ला, जिला संरक्षक केके द्विवेदी के अलावा, चंद्रदेव त्रिपाठी, राजेन्द्र सक्सेना, रमेश खरे, शिवशंकर मिश्रा, आरएस गोस्वामी, आरके मिश्रा, विश्राम सिंह तोमर, अरुणेश मिश्रा, संजय पाठक, मनोज पाठक, सामंत कुमार रावत, सुनील कुमार द्विवेदी, भारतेंदु निगम, जेपीएस चौहान, राकेश सक्सेना, आलोक द्विवेदी, पंकज तिवारी, अभिनव गंगेले सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।