डेली न्यूज़पोल खोल
अश्लीलता की दुकानों पर खाकी की मेहरबानी क्यों?
- बंगालन के मामले में खुल चुके पुलिस के अंतरंग संबंध
- देह व्यापार करने वाली महिलाओ के गुर्गो का आतंक
(धीरज चतुर्वेदी)
यह वह दुकाने हैं जहाँ जिस्म बेचा जाता हैं जो छतरपुर की पहचान बनती जा रही हैं। अश्लीलता परोसने वाली इन दुकानों के धंधे को सामाजिक लिहाज से गंदा माना जाता हैं लेकिन आरोप लगते हैं कि खाकी इस गंदे धंधे पर मेहरबान हैं। आखिर यह क्यों हैं, यहीं सवाल रहस्यमय हैं। हालात इस तरह बिगड़ते जा रहे हैं कि देह व्यापार में संलिप्त महिलाओ के गुर्गो के आतंक से आमजन भयभीत हैं। बीते दिन छतरपुर शहर के देरी रोड पर निवासरत लोगो ने पुलिस कप्तान को आवेदन सौंपा जिसमे महर्षि स्कूल के पास देह व्यापार के धंधे में जग जाहिर एक महिला के गुर्गो के आतंक का जिक्र कर कार्यवाही की मांग की गई हैं।
पुलिस की वर्दी तो देश भक्ति जनसेवा की शपथ के साथ धारण की जाती हैं लेकिन लोगो की यह आम धारणा बन चुकी हैं कि वर्दी पहनने के बाद खाकी का चाल-चरित्र-चेहरा बदल जाता हैं। जिसमे चारित्रिक रूप से बेहद गिरावट देखी जा रही हैं। जिसका परिणाम हैं कि घिनोने कृत्य भी अघोषित रूप से संचालित हों रहे हैं। देह व्यापार के धंधे को लेकर छतरपुर जिला मशहूर होता जा रहा हैं। गत रोज छतरपुर शहर के देरी रोड के लोगो ने देह व्यापार में लिप्त नामचीन महिला और उसके गुर्गो के आतंक से पीड़ित होकर पुलिस कप्तान को ज्ञापन सौंपा। आवेदन सोपने वालो ने बताया कि पूरे मोहल्ले का माहौल ख़राब हैं और आपत्ति करने पर महिला के गुंडे मारपीट तक कर देते हैं। जिसकी पूर्व में भी सिविल लाइन थाने में रिपोर्ट की गई पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। ज्ञात हों कि शहर के पन्ना रोड पर करीब तीन माह पहले 27 मई को एक चर्चित सेक्स की दुकान पर छतरपुर पुलिस अपनी दंबगी दिखाते हुये छापा मारा था। जिसमे दो महिलाये और तीन पुरूष पकडे गये थे । कौन पकडे गये और कहां से पकडे गये यह पुलिस अपने जारी प्रेस नोट में ही छुपा लेती है। आखिर क्यो नाम सार्वजनिक नही किये इसके पीछे भी पुलिस की बदनियत छुपी थी। जब इस मामले की पुलिस सूत्रो से खंगाल की गई तो चौकाने वाली जानकारी सामने आई थी । पन्ना रोड पर एक बंगालन नाम से सेक्स का अडडा कई सालो से संचालित है। जहां विदेशी लडकियां भी हवस के शौकिनो के लिये हाजिर होती है। यह पूरा एक ऐसा रेकेट अंतराष्ट्रीय स्तर का है जिसके तार को कोई टच करेगा तो सरकारी तंत्र झुलस जायेगा क्योकि सफेदपोशो के राज और तंत्र के आंतरिक गहरे संबध से जुडा यह सेक्स रेकेट है। कई नामचीन चेहरे बेनकाब होगे इसलिये रेकेट पर दबिश के बाद ही पुलिस महकमा खुद बदनाम होने लगता है। नेपाल, ताजिस्तकान, बंगलादेश सहित अन्य विदेशी लडकियां यहां परोसी जाती है। जिन्हे ठेके प्रथा पर खरीद लिया जाता है। जानकारी अनुसार उत्तरप्रदेश के झांसी की एक चर्चित दलाल महिला के माध्यम से मजबूरी वश वेश्यावृति को धंधा बनाने वाली लडकियो की छतरपुर लाया जाता है। इन लडकियो को भी एक मुश्त रकम पर बोली लगाकर छतरपुर लाया जाता है। एक प्रकार से किसी निर्माण कार्य के ठेके की तरह यह पूरा धंधा संचालित होता है। मुब्रई से एक मुश्त ठेके पर लडकियो को झाँसी लाया जाता है जहां से पेटी कान्ट्रेक्ट पर इन्हे छतरपुर लाया जाता है। जैसे छतरपुर लाई गई लडकी को 50 हजार के ठेके पर लाया गया है तो उस लडकी को ग्राहको से मिलने वाली रकम से कोई लेनादेना नही है। उसे मात्र 50 हजार रूपये चुकता होगे बाकि का रूप्या वेश्यावृति अडडे के ठेकेदार का मुनाफा होता है। जानकारी अनुसार सीधे इन अडडे से जुडा एक सेन समाज का युवक छतरपुर शहर की कई कालोनियो में घर किराये से लिये है। जहां आफर पर लडकियां लाकर ग्राहको को समर्पित कर दिया जाता है। हालाकि पुलिस ने केवल पन्ना रोड पर छापा मार ओपचारिक कार्यवाही की जबकि देरी रोड पर महर्षि स्कूल के पहले पुलिया के पास की गली, हनुमान टोरिया के पीछे, नीलकंठ नगर, सटई रोड , पठापुर रोड , सौरा रोड चैबे कालोनी, चेतगिरी कालोनी में भी जिस्म बेचने वाले अडडे संचालित है। जिस्म बेचने का यह पूरा कारोबार पुलिस महकमे की दम पर ही संचालित है। आरोप है कि एक निश्चित रकम पुलिस महकमे तक पंहुचती है । पन्ना रोड पर बंगालन का अडडा तो पूरे शहर में चर्चित है। फिर पुलिस की नजर से क्यो दूर रहा। इसका राज भी पुलिस महकमे के बदचलनी के अडडे से अनैतिक क्रियाकलापो के आरोपो से जुडा है। सूत्रो के अनुसार 27 मई को जब नामचीन इस अडडे पर पुलिस ने छापा मार और इसके अंदर झांकने की कोशिश की तो खाकी के बदचलनी चेहरे सामने आने लगे। जानकारी अनुसार जिस्म के अडडे की मौसी यानि सुप्रीमो के मोबाईल सेट में करीब आधा सैकडा से अधिक पुलिस अधिकारियो और कर्मियो के नाम दर्ज थे। जिनके इस अडडे से संपर्क के भी तार मिले। कोतवाली के एक सिपाही पर कार्यवाही की जानकारी मिली पर पुलिस की फजीहत को देखते हुये पूरा मामला दबा दिया गया। छतरपुर जिले में जिस्म की दुकान से पुलिस अधिकारियो और कर्मियो के अंतरंग संबधो का यह कोई पहला मामला नही है। वर्ष 2018 में कोतवाली में दर्ज अपराध क्रमांक 256/17 में धारा 376,376डी,506बी/34 ताहि के मामले में कथित पीडित लडकी ने अदालत में दर्ज कराये बयानो में कोतवाल सहित पुलिस कर्मियो का पूरा चिठठा खोलकर रख दिया था। यह पूरा मामला भी बदचलनी से जुडा था।
यह लिखने में कोई संकोच नहीं हैं कि पुलिस महकमे के आशीर्वाद से ही छतरपुर शहर का नाम देह व्यापार की खुल्लम खुल्ला दुकानों के कारण कलंकित होता जा रहा। अगर देह व्यापार और पुलिस के अंतरंग संबंधों की उच्च स्तरीय जाँच हों जाती हैं तो निचले से लेकर जिम्मेदार अधिकारियो तक से जुड़े तारों का खुलासा हों सकता हैं। सवाल यहीं हैं कि यह खुलासा करेगा कौन?