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ग्रामीणों की शिकायत पर तहसीलदार ने जप्त किया 218 बोरी गेहूं, सेल्समैन ने कालाबाजारी के लिए कमरे में किया था गेहूं का भंडार

बक्सवाहा। कोरोना संक्रमण के कारण मजदूरों की रोजी-रोटी छिन गई है। महानगरों में बीमारी का खतरा होने के कारण मजदूर गांव में ही डेरा जमाए हैं। इन लोगों को 3 महीने का खाद्यान्न देने के प्रधानमंत्री द्वारा आदेश जारी किए गए हैं लेकिन कई जगह सेल्समैन और समिति प्रबंधक गरीबों को राशन बांटने के बजाय अलग स्टॉक कर खुले बाजार में बेचने में जुटे हैं। सेल्समैन ने एक कमरे में कालाबाजारी के लिए गेहूं स्टॉक किया था। ग्रामीणों की शिकायत पर तहसीलदार ने कमरा सील किया और 218 बोरी गेहूं जप्त कर पंचनामा बनाते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को अग्रिम कार्रवाई हेतु प्रतिवेदन भेजा है।शासकीय उचित मूल्य की दुकान घोघरा में खाद्यान्न वितरण में गड़बड़ी करने की ग्रामीणों ने कई बार शिकायत की थी। यहां के सेल्समैन द्वारा ग्रामीणों को उन्हें मिलने वाला राशन नहीं दिया जाता था। कालाबाजारी के लिए सेल्समैन ने एक अलग मकान में गेहूं का स्टॉक किया था। ग्रामीणों ने तहसीलदार त्रिलोक सिंह पोशाम से न्याय की गुहार लगाई। तहसीलदार श्री पोशाम ने बताया कि ग्रामीणों की शिकायत पर वे  कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी के साथ उस मकान तक पहुंचे जहां सेल्समैन द्वारा कालाबाजारी के लिए किए हुए स्टॉक किया गया था। कमरे को शील करते हुए उसके अंदर रखे 218 बोरी गेहूं जब किए गए हैं। जप्त गेहूं का पंचनामा बनाया गया है। उन्होंने बताया कि इस तरह की जहां से भी शिकायतें आएंगी वहां तुरंत कार्रवाई की जाएगी।

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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