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कस्तूरबा महिला समिति पर कब्जे की लड़ाई शुरू: महिलाओं ने एकजुट होकर अशोक प्रताप सिंह पर लगाए आरोप

मंगलवार को निष्पक्ष चुनाव के लिए सौंपेंगी ज्ञापन

छतरपुर। वंचित, बेसहारा और परेशान महिलाओं को सहायता और कानूनी मदद उपलब्ध कराने वाली कस्तूरबा महिला समिति पर कब्जे का विवाद शुरू हो गया है। छतरपुर जिले की जानी-मानी समाजसेविका और पूर्व विधायक गायत्री देवी परमार के संरक्षण में संचालित होने वाली यह संस्था उनके बेटे अशोक परमार के कारण विवादों में घिर गयी है। महिला समिति से जुड़ीं कई पदाधिकारियों एवं अन्य महिलाओं ने अशोक परमार पर आरोप लगाए हैं कि वे इस संस्था पर फर्जी चुनाव के जरिये कब्जा करना चाहते हैं। पिछले दिनों संस्था की एक आमसभा के दौरान अशोक परमार के द्वारा समिति से जुड़ी महिलाओं के साथ अभद्रता करने के आरोप भी सामने आए। महिलाओं ने गांधी आश्रम में एक  बैठक कर तय किया है कि मंगलवार को वे कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह को ज्ञापन सौंपकर समिति के निष्पक्ष चुनाव की मांग करेंगी।

नाराज महिलाओं ने बताए अपने अनुभव

महिला समिति की अध्यक्ष मीरा गुप्ता ने कहा कि संस्था के उपाध्यक्ष अशोक परमार ने 26 अगस्त को आयोजित आमसभा की बैठक के दौरान हम लोगों को अपमानित किया और कहा कि नए सिरे से चुनाव हो चुके हैं इसलिए अब आप लोग पद पर नहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाए कि पहले भी हम लोग सिर्फ नाम के लिए ही पद पर थे। संस्था का सारा काम अशोक परमार ने ही अपने हाथ में ले रखा है। गांधी आश्रम में स्मारक निधि की सचिव दमयंती पाणी ने कहा कि संस्था के संचालन के लिए गांधी स्मारक निधि दिल्ली ट्रस्ट ने इसे लीज पर जमीन दे रखी है। जमीन देने के साथ ये शर्त थी कि इस संस्था में छतरपुर के गांधी स्मारक निधि एवं दिल्ली की संस्था से एक-एक सदस्य अनिवार्य रूप से रहेगा लेकिन अशोक परमार कह रहे हैं कि यह संस्था उनकी मम्मी की है इसमें कोई बाहरी सदस्य नहीं रहेगा। इसी तरह एडवोकेट सुषमा भार्गव ने कहा कि हम लोग संस्था के वर्षों से स्थायी सदस्य रहे हैं लेकिन अब संस्था पर कब्जे के लिए हम लोगों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। महिला कांग्रेस की प्रदेश महासचिव कीर्ति विश्वकर्मा ने कहा कि हम सभी महिलाओं की नजर में श्रीमती गायत्री देवी परमार का बहुत आदर है लेकिन उनके बेटे हम लोगों को अपमानित कर रहे हैं यह ठीक नही है। उन्होंने कहा कि इस मामले में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर निष्पक्ष जांच के लिए मांग की जाएगी। बैठक में प्रभा वैद्य, नीलम पाण्डेय, स्मिता जैन, दीप्ती पाण्डेय, शिवानी चौरसिया, अफसर जहां सहित नगर की एक दर्जन से अधिक वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहीं। 

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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