डेली न्यूज़मध्यप्रदेश

मंदिर की भूमि पर अवैध कब्जा: भू-माफियाओं की कठपुतली बना राजनगर तहसील का प्रशासनिक तंत्र

रिक्की सिंह, खजुराहो

कलेक्टर के संज्ञान में होते हुए भी नहीं हो रही कार्यवाही

खजुराहो :- राजनगर तहसील में भू माफियाओं के लूट खसोट के कई मामले  सामने आए, प्रशासनिक अफसरों ने जांच करवाई लेकिन इन जमीनों की लूट में सहभागिता निभाने वाले राजस्व अमले पर  कोई कार्यवाही अभी तक नही हुई  हैं राजनगर ,खजुराहो  के ऐसे कई जमीनी मामले हैं,जिनकी जांच कराई जाए तो न केवल बड़ा घोटाला सामने आ सकता हैं बल्कि  कई राजनीति व प्रशासन से जुड़े चेहरे भी बेनकाब  हो सकते है।

क्या है पूरा मामला

राजनगर तहसील के रामबाग जनकपुर स्थित हनुमान मंदिर की भूमि की जांच कलेक्टर के निर्देशानुसार तहसीलदार द्वारा पुनः कराई गई जिसमें पहले की तुलना से भी ज्यादा अवैध कब्जा पाया गया है चर्चित ख़बर में भूमि खसरा नंबर 574 575 एवं 578 बंदोबस्त रिकॉर्ड सन 1938-39 मैं उक्त भूमि शासकीय मंदिर हनुमान जी के नाम पर दर्ज रही है जिस पर सामंत सिंह आर आई द्वारा प्रतिवेदन मे लेख किया गया कि संवत 2009  में फर्जी तरीके से तत्कालीन हल्का पटवारी द्वारा अपने लड़के लक्ष्मी प्रसाद कायस्थ के नाम बिना किसी सक्षम अधिकारी  आदेश के गैर हकदार के रूप में दर्ज की गई है इतना ही नहीं वर्ष 1976-77 मैं तत्कालीन हल्का पटवारी द्वारा गैर हकदार खसरा नकल में ओवर राइटिंग कर सीधा भूमि स्वामी ले कर दिया गया इसके बाद भी भ्रष्टाचारियों की गाड़ी रुकी नहीं और वर्ष 1987-88 मैं फर्जी तरीके से नामांतरण पंजी क्रमांक 18 आदेश दिनांक 26/07/88 को विमला पत्नी सुमन कुमार मिश्रा बगैरा के नाम दर्ज की गई जिसकी कीमत वर्तमान में करोड़ों रुपए से अधिक है यह भ्रष्टाचार राजस्व अधिकारियों/ कर्मचारियों के द्वारा किया गया जिसकी प्रेरणा से नगर पंचायत राजनगर भी  भ्रष्टाचार करने से नहीं रोक पाए वर्तमान में खसरा नंबर 576 577 हनुमान जी महाराज के नाम दर्ज हैं इसके प्रबंधक स्वयं कलेक्टर हैं जिसके खसरा नंबर 576 मैं मुकुंदी सोनी का अवैध मकान पाया गया एवं खसरा नंबर 577 के रकवा 0.013 हे0 पर सात दुकानों का अवैध निर्माण कार्य पाया गया जिसकी स्वीकृति नगर पंचायत द्वारा दी गई है नगर पंचायत द्वारा भ्रष्टाचार की पट्टी बांधकर अनुमति दी गई है यह भी नहीं देखा गया कि जिस जमीन की अनुमति वह दे रहे हैं उसके प्रबंधक स्वयं कलेक्टर इतना ही नहीं मंदिर से ही लगा हुआ खसरा नंबर 579 जो मध्य प्रदेश शासन आम रास्ता का नंबर है उस पर 9 दुकाने एवं एक समाज भवन अवैध रूप से पाया गया/

अफसरों की मेहरबानी से मंदिर की जमीन की लूट

इस प्रकार के प्रतिवेदन देने के 1 दिन बाद करा दिया आर आई सावंत सिंह का ट्रांसफर इसके पूर्व भी इसी मुद्दे पर एक्शन लेने वाले तहसीलदार झाम सिंह का भी ट्रांसफर कराया गया था आखिर कब तक भू माफियाओं और भ्रष्टाचारियो का खेल चलता रहेगा  यह माम्ला कलेक्टर से लेकर मंत्री विधायक एवं अन्य हिंदू संगठनों के संज्ञान में है फिर भी चुप्पी क्यों? खुलेआम शासन प्रशासन की धज्जियां उड़ाई जाती है, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा भू माफियाओं को जमीन में गाड़ने की बात कही जाती है लेकिन जनाब यहां तो भू माफिया ही शासन प्रशासन को गाड़ रहे हैं… साहब कब होगी इस मामले में कार्रवाई? कब इस मंदिर की भूमि अतिक्रमणकारियों और भू माफियाओं से होगी सुरक्षित?

अश्विनी पाठक मंदिर पुजारी

इस मामले के महानायक अश्वनी पाठक  को उनके नंबर 7692015832 पर 10 बार फोन लगाया गया किंतु उनके द्वारा एक बार भी फोन नहीं उठाया गया है


विजय सेन, तहसीलदार

साहब को फोन उठाने में है परहेज

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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