आखिर निपट ही गए औकात पूंछने वाले डॉक्टर साहब: छतरपुर में होम गार्ड जवान से बदजुबानी करने वाले डॉ.को एमपी सरकार ने हटाया
छतरपुर : छतरपुर जिला अस्पताल का एक वीडियो वायरल हो रहा है, मध्य प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को छतरपुर के जिला अस्पताल में तैनात एक डॉक्टर को एक वीडियो में एक होम गार्ड जवान के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार करते हुए दिखाने और उसे अपनी सीमा के भीतर रहने के लिए कहने और अपनी औकात में आया करो तुम लोग अपनी औकात मत भुला करो।कहने के बाद बाहर कर दिया।
अस्पताल सूत्रों ने बताया कि यह घटना 12 फरवरी को हुई। इसका वीडियो सामने आने के बाद राज्य के लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने छतरपुर जिला अस्पताल से डॉ. अरुणेंद्र शुक्ला को हटाने का आदेश देते हुए कहा कि इस तरह का व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में डॉक्टर अरुणेंद्र शुक्ला को यह कहते सुना जा सकता है, “कलेक्टर वलेक्टर की धमकी दोगे तो नचवा दूंगा। कलेक्टर से डरता नहीं हूं।” वे होमगार्ड से यह भी कहते हैं, कि ” तुम निवेदन नहीं धंधा करते हो। आज के बाद गुटखा खाकर अस्पताल में आ मत जाना। ” तुम जो 2-2 हजार लेकर बिकते हो फालतू बातें मत किया करो।” इतना ही नहीं उन्होंने बातों ही बातों में चल, निकल, यहाँ से जैसे अभद्र शब्दों का उपयोग बार-बार किया और कहा की अपनी औकात में आया करो तुम लोग अपनी औकात मत भुला करो।” हद तो तब हुई जब डॉक्टर ने मरीज के दस्तावेज फेंकते हुए उसे बाहर निकलने के लिए कहा।
होम गार्ड कर्मचारी श्रीकांत द्विवेदी सड़क दुर्घटना में घायल नितेश दीक्षित नाम के अतिथि शिक्षक को बारीगढ़ अस्पताल से प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल सीटी स्कैन और एक्स-रे के लिए भेजा गया था। जुझारनगर थाने में पदस्थ होमगार्ड श्रीकांत द्विवेदी का दोष सिर्फ इतना था कि उसने घायल व्यक्ति का परिचित होने के नाते डॉक्टर साहब से सिफारिश कर दी, जिसके बाद जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर अरुणेंद्र शुक्ला भड़क गए। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो को देखने के बाद लोग तरह-तरह की प्रक्रिया देते नजर आ रहे हैं। लोग डॉक्टर के अभद्र व्यवहार की निंदा कर रहे हैं।
मामले पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने शुक्रवार को डॉ. शुक्ला को उनके पद से स्थानांतरित करने का आदेश दिया. उन्होंने संवाददाता से कहा, “सार्वजनिक जीवन में इस तरह का व्यवहार असहनीय है। डॉ. शुक्ला को उनके पद से हटा दिया गया है और मामले की आगे जांच की जाएगी।”
डॉ. अरुणेन्द्र शुक्ला के खिलाफ पांच सदस्यीय टीम करेगी जांच – सिविल सर्जन डॉ. जीएल अहिरवार
वहीं दूसरी ओर सिविल सर्जन डॉ. जीएल अहिरवार ने शुक्रवार को मामले की जांच के लिए 5 चिकित्सकों की एक टीम गठित कर, जांच के बाद कार्यवाही करने की बात कही है। डिप्टी सीएम द्वारा डॉ. अरुणेन्द्र शुक्ला को हटाए जाने को लेकर सिविल सर्जन ने कहा कि अभी उन्हें इस तरह का आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। सिविल सर्जन डॉ. जीएल अहिरवार ने बताया कि बीते रोज डॉ. अरुणेन्द्र शुक्ला का वीडियो उनके संज्ञान में आया था, जिसके बाद उन्होंने डॉ. शुक्ला से बात की। डॉ. शुक्ला ने उन्हें बताया कि होमगार्ड का सैनिक और मरीज उनके ऊपर नियमविरुद्ध तरीके से कार्यवाही करने का दबाव बना रहा था और कलेक्टर का नाम ले रहा था जिसके बाद उनकी कहासुनी हुई थी।
बदजुबानी में माहिर डॉ अरुणेंद्र शुक्ला के स्थानांतरण से 50 फ़ीसदी जिला चिकित्सालय के विवाद शून्य।
बदतमीची की भी एक सीमा होती है, और बदतमीजी तब भारी पड़ जाती है, जब प्रतिउत्तर देने वाला निरीह प्राणी हो, और डॉक्टर शुक्ला के साथ ही यही हुआ। अपनी बदतमीजी में कुख्यात हो चुके डॉक्टर अरुणेंद्र शुक्ला को राज्य सरकार के डिप्टी सीएम एवं चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री डॉ राजेंद्र शुक्ल के निर्देश पर सीएमएचओ डा लखन तिवारी ने उनका स्थानांतरण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र झमटुली कर दिया है, हालांकि झमटुली स्थानांतरण होने पर डॉक्टर शुक्ला और विवादों में आ सकते हैं ,क्योंकि उनकी बदतमीजी वहां बिल्कुल नहीं चल पाना है, डॉ शुक्ला का स्थानांतरण बारीगढ़ क्षेत्र उचित रहेगा, विश्व सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि जिला कलेक्टर ने गौरीहार ही उनके स्थानांतरण की अनुशंसा की है। खैर कुछ भी हो एक बदतमीज चिकित्सक के चले जाने से जिला चिकित्सालय का 50 फीसदी बाद खत्म हो गया है।
राजेंद्र शर्मा