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फाइलों में गुम हो गई चेकडैम घोटाले की जांच, छतरपुर जिले में करोड़ों का चेकडैम घोटाला

रिक्की सिंह, खजुराहो

मनरेगा बनी कर्मचारियों के लिए लूट का चारागाह

खजुराहो :- छतरपुर जिले में कोराना काल में रोजगार गारंटी योजना से मजदूरों के नाम से करोड़ों रुपए आहरण कर गलत तरीके से चेक डैम बनवाए गए केवल दो से चार लाख की लागत वाले काम का स्टीमेट 14 से 15 लाख रुपए बनाकर फर्जी मूल्यांकन के आधार पर राशि का बंदरबांट हो रहा है कुछ यही हाल है छतरपुर जिले की राजनगर जनपद का क्षेत्र की उक्त पंचायतों में हाल ही में स्टॉप डेम स्वीकृत हुए थे जिसकी जानकारी मीडिया ने प्रकाशित भी की थी इसी आधार पर छतरपुर जिला कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने सभी नवनिर्मित चेक डेमो के जांच के आदेश जारी किए थे साथ ही दूसरी जनपदों के अधिकारियों के माध्यम से क्रॉस चेकिंग कर रिपोर्ट जिला पंचायत को सौंपने को कहा गया था वहीं जिला पंचायत सीईओ द्वारा इन सभी के भुगतान पर भी रोक लगाने के आदेश हाल ही में जारी किए गए थे पर जांच कहां हो पाई उसके तुरंत बाद पूरा का पूरा भुगतान इन भ्रष्टाचारियों को कर दिया गया .

राजनगर जनपद पंचायत की इन ग्राम पंचायतों का हैं मामला

1.चेक डैम निर्माण .कार्य संख्या दो ग्राम पंचायत बैड़री राशि 9lakh+9lakh– कुल 18 लाख का भुगतान

2.– ग्राम पंचायत का दोहा जमुनिया नाला चेक डैम भुगतान 7 लाख रुपए

3.– चेक डैम निर्माण ग्राम पंचायत दलपतपुरा दलपतपुरा एवं मनिया नाला कुल राशि भुगतान 24 लाख रुपए

4.- चेक डैम निर्माण ग्राम पंचायत, लखेरी 8 लाख रुपए

5.-चेक डैम निर्माण ग्राम पंचायत सूरजपुरा एक बहलीया नाला क्रमांक 1 ₹9 लाख रुपए क्रमांक 2 ₹9 लाख रुपए कुल राशि 18 लाख रुपए

6.—चेक डैम चेक निर्माण कार्य ग्राम पंचायत बरेठी नाला संख्या तीन राशि 10 लाख रुपए

7.—चेक डैम निर्माण कार्य ग्राम पंचायत घूनचु चित्रा नाला भुगतान ₹8 लाख रुपए.

8.— चेक डैम निर्माण कार्य सेवाड़ी चेक डैम निर्माण कार्य ग्राम पंचायत पहाड़ी वावन चित्रा नाला राशि ₹8 लाख रुपए चेक डैम निर्माण कार्य तेलोहा राशि ₹6 लाख रुपए इस प्रकार अगस्त माह के अंतिम सप्ताह में कुछ महत्वपूर्ण पंचायतों को एक करोड़ 38 लाख रुपए का भुगतान कर दिया गया

मजेदार बात यह है की अभी 1 सप्ताह पहले जिला पंचायत से आदेश हुआ था की 5 लाख रुपए से कम लागत के कार्यों का भुगतान सिद्ध कर दिया जाए चेक डेमो के भुगतान पर रोक लगाई गई थी पर इसके तुरंत बाद उलट आदेश जारी करते हुए सभी चेक डेमो का अभिलंब भुगतान करा दिया गया

जनपद सीईओ या नेता जी के आशीर्वाद से हुआ भुगतान*

ताकि भ्रष्टाचारी के पैसे का तुरंत बंदरबांट हो सके वहीं कुछ कर्मचारी अधिकारी इसे राजनेताओं का दबाव बता रहे हैं सच्चाई क्या है किस भ्रष्टाचारी में राजनेता लिप्त हैं अथवा सरकारी अफसर यह तो वह स्वयं जान सकते हैं पर कोरोना काल में गरीब मजदूरों के हक पर डाका डाल कर बड़े लोगों को अमीर बनाना कुछ नेता और अफसर मिलकर इस काली कमाई करने में जुटे हुए हैं बल्कि राजनगर जनपद की 50 से अधिक ऐसी पंचायतें हैं जिन्होंने छोटे-छोटे काम पशु शेड नाडेप खेत तालाब नालियां बनवाई है उनको पिछले 3 महीने से कोई भुगतान नहीं किया जा रहा है मजदूर और उनके मैटेरियल सप्लाई करने वाले बेंडर दर-दर भटक रहे हैं पर राज नगर जनपद में नेतागिरी का ऐसा आलम है कि कोई सुनने वाला नहीं केवल भ्रष्टाचारियों को सह देकर लाभ पहुंचाया जा रहा है जिसके लिए पूरी तरह यहां के कर्मचारी अधिकारी जिम्मेवार है पिछले तीन चार महीनों से केवल उन चहेती ग्राम पंचायतों के नाम सीधा आदेश जारी करा कर केवल उन्हें ही भुगतान कराया जा रहा है जो अन्य सरपंचों और ग्राम वासियों के साथ सौतेला रवैया है क्या कहेंगे यही है दीनदयाल अंत्योदय योजना जिसमें अंतिम छोड़ के अमीर व्यक्ति को अमीर बनाया जा रहा है गरीब मजदूर काम की तलाश में दिल्ली हरियाणा पंजाब पलायन कर रहा है मशीनों से काम करा कर भ्रष्ट अधिकारी एवं राजनीतिक रसूख रखने वाले बड़े सरपंच मनरेगा को चारागाह समझकर पचाने मैं लगे जबकि जिले में बड़े-बड़े पदों पर बैठे हुए मंत्री साहिबान वीरेंद्र कुमार जी केंद्रीय मंत्री भारत सरकार माननीय प्रहलाद पटेल जी केंद्रीय मंत्री भारत सरकार खजुराहो सांसद बीडी शर्मा प्रदेश अध्यक्ष भाजपा क्या इन सब को यह दिखाई नहीं देता या फिर इनकी मूक सहमति है छतरपुर जिला कलेक्टर शैलेंद्र सिंह जी भी लगता है कि इस पूरे कारनामे से क्या अनभिज्ञ जो जिले में इतने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है?

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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