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मामा तुम्हारे राज पर टूट गया भरोसा: सागर में एक सिरफिरे आशिक ने गोलियाँ दाग युवती को मौत के घाट उतारा

(धीरज चतुर्वेदी)

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राम राज को बखान करती शिव सरकार जहाँ देवी स्वरुप बेटियों को नहीं पता कि कब उन्हें कोई उनकी हत्या कर देगा। पूरा सिस्टम पागल हों चुका हैं जिसका मर्म दृश्य मप्र के सागर संभागीय मुख्यालय की घटना में देखने को मिलता हैं। अब भरोसा किस पर करें। सरकार के उन भाषणों पर या दावो पर जहाँ बेटियों को मौत के घाट उतारा जा रहा हैं। कोई संकोच नहीं कि मप्र की सरकार अपनी मशीनरी से लगाम खो बैठी हैं। पूरा तंत्र लूट खसोट में शामिल हों चुका हैं। दिल और दिमाग़ में बस पैसा — पैसा —पैसा। कहते और आरोप लगते हैं कि मंत्री, अधिकारी सभी इसी पैसे के फेर में अपनी इंसानियत को गिरवी रख चुके हैं। यह तो भविष्य में दबा हैं कि आज एक बेटी को मौत के घाट उतारा गया , कल किस नेता या अधिकारी पर इस तरह की आतंकी घटना की पुनरावृति हों सकती हैं।सागर में एक बेटी को एक सिरफिरे आशिक ने गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। यह हैं वह मप्र जिसे लेकर शांति के टापू का दम भरा जाता हैं। घटना की जानकारी अनुसार पूनम केसरवानी अपने घर से अपने भाई के साथ निकली ही थी तभी रोहित राजपूत युवक ने उसके साथ छेड़खानी शुरु कर दी। युवती के भाई ने जब विरोध किया तो पिस्टल बट से उस पर हमला कर दिया। पूनम की माँ जब अपने बच्चों को बचाती मौके पर पहुंची तो उस माँ के साथ मारपीट की और पूनम को गोली मार मौत के घाट उतार दिया गया। गोली मारकर आरोपी सरेआम फरार हों गया और जनता तमाशबीन बनी रही। यह तमाशा हैं जनाब जिसे सरकार भी अपनी नज़रो से तमाशे की तरह देखती हैं। इस बेटी को तिल तिल कर मारा गया जो उसके साथ पुराना बीता। जानकारी अनुसार करीब चार माह पूर्व इस बेटी पूनम की हाथो की नस काटने की कोशिश आरोपी रोहित ने की थी। तब रोहित के खिलाफ अपराध दर्ज हुआ और वह जेल भी गया पर जेल से रिहा होते ही उसने उस बेटी को गोली मार हमेशा के नींद में सुला दिया। मध्यप्रदेश में यह मैजिक हैं जहाँ अपराधी एक शो या मंचन कर देते हैं, तो बेकाबू हालत हैं। सरकार दावा करती हैं कि अपराधी पकड़ लिये गये। सरकार यह नहीं बताती कि अपराध क्यों हुआ? कारण साफ हैं कि सरकार का पूरा तंत्र सरकार के अधीनस्थ नहीं रहा। वह तो कमाऊ पूत बन सबकी झोली भर रहा हैं। ना तो बेटियों कीं अस्मत कीं चिंता हैं और ना ही सरकार को अपनी अस्मिता कीं। बस झोली भर दो….

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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