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मरीजों को तीन हजार रूपए तक की जांचों का मिलेगा मुफ्त लाभ, अस्पताल में पहुंची एक करोड़ रूपए से अधिक की मशीनें

छतरपुर। छतरपुर के जिला अस्पताल से एक अच्छी खबर सामने आयी है। अब अस्पताल में डॉक्टरों की नि:शुल्क सलाह के साथ-साथ बीमारियों का पता लगाने के लिए की जाने वाली कई महंगी जांचों का लाभ भी नि:शुल्क मिल सकेगा। केन्द्र सरकार के माध्यम से पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप योजना के तहत अस्पताल में लगभग एक करोड़ रूपए लागत की 6 मशीनें पिछले दिनों अस्पताल में पहुंची थीं। इन मशीनों को अब अस्पताल की पैथालॉजी में इंस्टाल कर लिया गया है। मशीनों से लगभग 104 तरह की जांचें हो सकेंगी। उक्त मशीनों से बाजार के हिसाब से डेढ़ सौ रूपए से लेकर 3 हजार रूपए तक के खर्च में होने वाली जांचों को नि:शुल्क किया जाएगा।


कोरोना के दौरान होने वाली डी डायमर जांच भी नि:शुल्क होगी
जिला अस्पताल में पीओएईटी साइंस हाउस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के द्वारा 6 मशीनों को स्थापित किया गया है। ये आधुनिक मशीनें विभिन्न रोगों से जुड़ीं लगभग 104 जांचें कर रही हैं। यहां लगायी गई एडवियासीपी मशीन हार्मोंस से संबंधित जांचें करती है। इसमें टी 3, टी 4, टीएसएच और विटामिन डी सहित 12 प्रकार की जांचें की जाती हैं। इसी तरह सिपमेक्स मशीन के द्वारा शरीर की कोशिकाओं की गणना, डब्ल्यूबीसी, स्नेगियो से जुड़ीं लगभग 20 जांचें की जाती हैं। डी टेन नामक मशीन तीन माह का एवरेज शुगर लेबिल निकालती है तो वहीं बच्चों के हीमोग्लोबिन और कुपोषण से जुड़ीं जांचें भी करती हैं। इसी तरह यूरन एनेलाइजर मशीन के द्वारा पेशाब से जुड़ीं 10 से अधिक जांचें की जाती हैं इससे ग्लूकोज, प्रोटीन, पीलिया और पस सेल की जांचें भी हो सकेंगी। इसी तरह बीए-400 मशीन के द्वारा लीवर, किडनी के फंकक्शन टेस्ट, लिपिड प्रोफाइल, सोडियम और पोटिशयम की जांचें की जाती हैं। 6वीं मशीन एसटेबो है जिसके द्वारा कोरोना बीमारी के दौरान खून से जुड़ीं डी डायमर जैसी महंगी जांच हो सकेगी। कंपनी के सुपरवाईजर पवन पटैरिया ने बताया कि फिलहाल इन मशीनों से 100 से 150 लोगों की जांचें प्रतिदिन की जा रही हैं।
मशीनें आयीं, स्टाफ की कमी
जिला अस्पताल में महंगी जांचों की सुविधा तो उपलब्ध हो गई है लेकिन इन मशीनों को संचालित करने के लिए फिलहाल दो शासकीय और एक अशासकीय टैक्रीशियन ही उपलब्ध हैं। डॉ. आरती बजाज इस लैब की प्रभारी हैं। हालंाकि अस्पताल में पैथालॉजिस्ट डॉक्टर का अभाव हो चुका है। ऐसे में जब सरकार मशीनों पर पैसा खर्च कर रही है तब स्टाफ बढ़ाने की दिशा में भी काम करने की जरूरत है। मशीनों के रखरखाव के लिए कंपनी ने दो सुपरवाईजर तैनात कर रखे हैं।

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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